मावठे का शुक्रिया, 370 तक पहुंचा एक्यूआई 20 तक आया

स्वतंत्र समय, इंदौर

पर्यावरण की गौरो-फिक्र हम नहीं कर रहे लेकिन कुदरत तो करना जानती है, एक हफ्ते के वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई पर निगाह डालें तो पता चलता है कि किस तरह मावठा फसलों के लिए अमृत तो साबित हुआ ही, वहीं जहरीली होती हवा को भी शुद्ध कर गया। करीब एक महीने से त्योहारी सीजन के साथ ही विभिन्न निर्माण कार्यों, धूल, धूएं आदि से हवा में विभिन्न नुकसानदायक पदार्थ लगातार बढ़ रहे थे जिससे एक्यूआई 300 पार चला गया था। दीपावली पर तो 380 एक्यूआई ने राजधानी दिल्ली को भी पछाड़ दिया था। मावठे की जोरदार बारिश के समय एक्यूआई 20 से 80 के बीच रिकॉर्ड किया गया जो बेहद स्वास्थ्यवर्धक है, वहीं अब मौसम गरमाने से यह करीब 180 पर पहुंच गया है।जानकारों के मुताबिक आम तौर पर जब बारिश होती है तो हवा में मौजूद तमाम तरह के कण उसकी ओर आकर्षित होकर एक जैल बना लेते हैं। हवा में मौजूद ये कण एरोसोल कहे जाते हैं। इन कणों में सल्फेट्स, कार्बनिक कण आदि होते हैं जो हवा में प्रदूषण बढ़ाते हैं।

बारिश की बूंदें बनाती हैं जैल, नियंत्रित करती है प्रदूषण

जैसे ही बारिश की बूंद वायुमंडल में गिरती है, जमीन से टकराने से पहले ये सैकड़ों छोटे एयरोसोल कणों को अपनी सतह पर आकर्षित कर सकती है। हालांकि शोध में पाया गया कि बारिश की बूंदें जितनी छोटी होंगी, वो हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों को उतना अपनी ओर आकर्षित करेंगी। पर्यावरणीय जानकारों के मुताबिक कई बार ये बादल की ऊंचाई के साथ ही बारिश के वेग पर भी निर्भर करती है। शोध में ये भी कहा गया है कि हर बारिश की बूंद आवेशित भी होती है, लिहाजा वो वायुमंडल में पहले से मौजूद तमाम तरह के आवेशित कणों के साथ मिलकर जैल बनाते हैं। बारिश होने तक ये कण हल्के होकर हवा में उड़ते रहते हैं. बारिश के संपर्क में आकर जैल बनाते हैं और धरती पर गिर जाते हैं. इसीलिए बारिश के बाद आमतौर पर हवा साफ हो जाती है।

सर्दी शुरू होने पर बन जाती है धुंध

बूंद वायुमंडल में मौजूद तमाम आवेशित कणों के साथ मिलकर जैल बनाती हैं। बारिश एयर पॉल्यूशन को नीचे ले आती है। हवा में तैरने वाले खतरनाक कण ही हवा में जहर घोलते हैं। यही कण सर्दी शुरू होने पर स्मॉग यानी धुंध बनाते हैं। हवा में घुलकर ये स्मॉग दृश्यता कम करने के साथ ही आसमान में धुआं सा बना देता है। ये स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है।

साफ हवा में धूल तक नहीं टिकती

साफ हवा में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन, हीलियम, ओजोन, निऑन, जेनान, जलवाष्प के कण शामिल होते हैं। शुद्ध हवा में किसी भी तरह के प्रदूषक नहीं होते। इसमें दुर्गंध और धूल के कण भी नहीं होते।

इन वजहों से साफ हुई हवा…

  • मावठे की जोरदार बारिश से वायु में फैले कण बारिश से घुल कर जमीन में समा गए
  • सर्द हवाओं व बारिश से लोगों की आवाजाही घटी, वाहनों ने कम धुआं उगला
  • एकाएक मौसम बदलने से कई जगह के कामकाज पर पड़ा असर, नतीजा पर्यावरण पर अनुकूल प्रभाव