स्वतंत्र समय, इंदौर
गत 17 नवंबर को प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के बाद घोषित रिजल्ट के बाद भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत में जनता का उनके पक्ष में अंडरकरंट साफ नजर आ रहा है। इस जीत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी ने पूरा काम किया या मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की लाड़ली बहना का बड़ा योगदान रहा, यह अब तक साफ नहीं है लेकिन यह बात साफ है कि इन सारे फैक्टर्स ने काम किया। इंदौर जिले की शहरी और ग्रामीण पूरी नौ विधानसभा में भाजपा की जीत का कमाल यह दिखाता है कि इस बार सारे समीकरण गलत हो गए हैं। अगर इंदौर जिले की पूरी नौ विधानसभा सीटों को देखें तो 2018 के मुकाबले 2023 में जीत का कुल अंतर लगभग पौने चार गुना हो चुका है। हालांकि यह लोकसभा में हुई जीत से कम है। लेकिन यह ट्रेंड अगर बरकरार रहा तो आगामी लोकसभा में जीत का अंतर और भी ज्यादा बढऩे की संभावना है।
पिछली बार से बढ़ गई चार सीट
इन चुनावों में आजादी के बाद पहली बार भाजपा ने पूरे जिले में क्लीन स्वीप किया है। अन्यथा कांग्रेस किसी न किसी सीट पर तो जीतती ही है। 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव से तुलना की जाए तो भाजपा को इस बार लगभग पौने चार गुना वोट से जीत मिली है। पिछली बार भाजपा को पांच सीट विधानसभा दो, तीन, चार, पांच और महू पर जीत मिली थी। चार सीट विधानसभा एक, राऊ, सांवेर और देपालपुर कांग्रेस के पास थी। भाजपा को मिली पांच सीट पर जीत का अंतर एक लाख 28 हजार एक सौ 41 वोट का था। जबकि कांग्रेस को मिली चार सीट में जीत का अंतर 25 हजार आठ सौ 55 था। इस प्रकार इंदौर जिले की पूरी नौ सीट पर ओवरऑल जीत का कुल अंतर भाजपा के पक्ष में एक लाख दो हजार एक सौ 86 वोट का रहा था। जबकि इस बार स्थितियां पूरी उलट है। इस बार भाजपा ने पूरी नौ सीट जीती है और उसने अपनी जीत का अंतर बढ़ाते हुए तीन लाख 83 हजार 625 कर लिया। इस प्रकार यह पिछली जीत से लगभग साढ़े तीन गुना ज्यादा वोट से हुई है।
भाजपा ने सभी सीट पर बनाई बढ़त
चुनावों के रिजल्ट पर नजर डालें तो विधानसभा एक में भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय ने अपेक्षाओं के विपरीत 57939 वोट से बड़ी जीत दर्ज की। इस क्षेत्र में कड़े और नजदीकी मुकाबले की बात कही जा रही थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। विधानसभा क्रमांक दो में रमेश मेंदोला की लीड इंदौर से बाहर निकलकर प्रदेश व देश में पहुंच गई क्योंकि उन्होंने प्रदेश में सबसे ज्यादा लीड बनाकर जीत हासिल की। जीत का अंतर 107047 वोट का अंतर रहा। विधानसभा क्रमांक तीन ऐसी सीट रही, जहां पर कांग्रेस ने लगातार मुकाबला किया। यहां पर अंतत: 14757 वोट से जीत भाजपा के गोलू शुक्ला के हाथ लगी। विधानसभा चार में मालिनी गौड़ ने कांग्रेस के राजा मंधवानी को 69837 वोट से हराया। विधानसभा क्रमांक तीन के समान ही विधानसभा पांच में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच अंतत: तक मुकाबला चला। भाजपा के महेन्द्र हार्डिया 15671 से सत्यनारायण पटेल को हराया।
लोकसभा में बढ़ जाता है अंतर
अगर पिछले लोकसभा चुनाव पर नजर डाले तो शंकर लालवानी ने अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस के पंकज संघवी को पांच लाख 47 हजार सात सौ 54 वोट से हराया। इस जीत में महू विधानसभा के मत शामिल नहीं थे क्योंकि लोकसभा में महू विधानसभा का कार्यक्षेत्र धार रहता है अन्यथा जीत का अंतर और भी ज्यादा हो जाता। इस प्रकार देखें तो पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इंदौर में जीत का अंतर कम हुआ है लेकिन हमेशा से विधानसभा में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करती रही है और बाद में लोकसभा में अंतर कई गुना ज्यादा हो जाता है। इस लिहाज से इस बार जीत का अंतर ऐतिहासिक होकर अब तक का रिकॉर्ड बना सकता है।
महू में कांग्रेस से ज्यादा निर्दलीय को वोट
महू में भाजपा को जो उम्मीद थी वो कायम रही। कांग्रेस के पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार निर्दलीय चुनाव लड़े और उन्होंने 68697 वोट लाकर चौंकाया। कांग्रेस के रामकिशोर शुक्ला को मात्र 29144 वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई। भाजपा की उषा ठाकुर को 34392 वोट से जीत मिली। राऊ विधानसभा में जीतू पटवारी के चुनाव जीतने की पूरी संभावनाओं को दरकिनार करते हुए मधु वर्मा ने 35522 वोट से लंबी जीत दर्ज की। सांवेर में तुलसीराम सिलावट की जीत का अंतर 68854 रहा। देपालपुर में इस बार फिर सीट बदलने का रिवाज कायम रहा। यहां पर भाजपा से जुड़े रहे निर्दलीय चुनाव लड़े राजेन्द्र चौधरी ने 37920 वोट प्राप्त किये लेकिन अंतत: मनोज पटेल के 13698 वोट से जीत हासिल हुई।
दोनों के शीर्ष नेतृत्व ने लगाया जोर
इन चुनावों में यह पहली बार हुआ कि दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व ने ऐसी विधानसभा सीटों पर जोर लगाया, जहां पर उनकी जीत के दावे किए जा रहे थे लेकिन जीत सभी पर भाजपा को ही मिली। भाजपा का प्रमुख चेहरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधानसभा क्रमांक एक, तीन और चार में रोड शो कर माहौल बनाया। उधर दूसरी ओर कांग्रेस की शीर्ष नेत्री और गांधी परिवार की प्रियंका गांधी ने भी क्षेत्र क्रमांक एक और सांवेर में रोड शो किया। वही क्षेत्र क्रमांक पांच में सभा की। भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री के अतिरिक्त राजनाथ सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर शिवराजसिंह, अश्विनी वैष्णव तक के शीर्ष नेता भाजपा की ओर से लगातार प्रचार अभियान में जुटे रहे, जबकि कांग्रेस कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के भरोसे ही रही। खुद आगे रहकर प्रचार करने वाला या आगे आने वाला मतदाता भी इस बार गायब रहा। इससे साफ था कि रिजल्ट अप्रत्याशित रहेगा।
किसको-कितने मिले वोट, जीत का अंतर…
विधानसभा भाजपा कांग्रेस जीत का अंतर
एक कैलाश विजयवर्गीय (भाजपा) संजय शुक्ला (कांग्रेस)
वोट 158123 100184 57939
विधानसभा दो रमेश मेंदोला (भाजपा) चिंटू चौकसे (कांग्रेस)
वोट 169071 62024 107047
विधानसभा तीन गोलू शुक्ला (भाजपा) पिंटू जोशी (कांग्रेस)
वोट 73541 58784 14757
विधानसभा चार मालिनी गौड़ (भाजपा) राजा मंधवानी (कांग्रेस)
वोट 118870 49033 69837
विधानसभा पांच महेन्द्र हार्डिया (भाजपा) सत्यनारायण पटेल (कांग्रेस)
वोट 144733 129062 15671
विधानसभा राऊ मधु वर्मा (भाजपा) जीतू पटवारी (कांग्रेस)
वोट 151672 116150 35522
विधानसभा महू उषा ठाकुर (भाजपा) अंतर सिंह दरबार
वोट 102989 68597 34392
विधानसभा सांवेर तुलसी सिलावट (भाजपा) रीना बौरासी (कांग्रेस)
वोट 151048 82194 68854
विधानसभा देपालपुर मनोज पटेल (भाजपा) विशाल पटेल (कांग्रेस)
वोट 95577 81879 13698
महू में रामकिशोर शुक्ला (कांग्रेस)
29144
महू में प्रदीप मावी (जयस) 11394
देपालपुर में राजेन्द्र चौधरी (निर्दलीय) 37920
इंदौर जिले में भाजपा की स्थिति
- जिले की नौ सीट पर 2023 में जीत का कुल अंतर 383625
- जिले की नौ सीट पर 2018 में जीत का कुल अंतर 102186
- (भाजपा को पांच सीट पर 128141 वोट से जीत मिली थी जबकि कांग्रेस को चार सीट पर 25855 वोट से जीत मिली थी)
- पिछली लोकसभा सीट पर जीत का अंतर (महू शामिल नहीं) 547754