करोड़ों की जमीन पर कब्जा, अब शुरू हुआ जांच का ड्रामा

 

स्वतंत्र समय, सारंगपुर

गत कई महीनों से सारंगपुर में  एबी रोड किनारे ब्लॉक कॉलोनी के नाम से आवंटित भूमि  अब राजस्व के नाम  पर इस  भूमि पर एस डीओपी निवास सहित कई शासकीय क्वार्टर बने हैं और कुछ भूमि रिक्त पड़ी हुई है उक्त भूमि पर  बेजा कब्जा हो चुका है करोड़ों रुपए की कीमती भूमि धीरे धीरे कब्जा हो रही है लेकिन इस और किसी का ध्यान नहीं है इसी का फायदा उठाते हुए अब भू माफिया सक्रिय हो गए हैं वर्तमान स्थिति में  उक्त सर्वे नंबर के रकबे की भौतिक जांच की जाए तो वास्तविक स्थिति का पता चल जायेगा।

अवैध रास्ते की शिकायत है  लंबित

सारंगपुर में एसडीओपी निवास की चतुर सीमा  जो  वर्तमान राजस्व की भूमि है में से एक अवैध रास्ते का  आदेश तत्कालीन तहसीलदार  ने  आवेदक को रास्ते का आदेश पारित कर दिया जबकि आवेदक के पास रास्ता मौजूद है और भू अभिलेख में दर्ज है जो चर्चा का  विषय बना हुआ है उक्त रास्ते की चर्चा नगर सहित पूरे जिले में है और अवैध रास्ते की हकीकत  पुलिस एवं  प्रशासन को है इसके बावजूद भी अवैध रास्ते का आदेश आज दिनांक तक निरस्त नहीं होना मिली भगत को उजागर करता है।

मीडिया में मामला आने के बाद कलेक्टर ने एसडीएम को दिए थे निर्देश

काई महीना से उक्त अवैध रास्ते की जमकर चर्चा हो रही है मीडिया में भी बिंदुवार इस अवैध रास्ते को लेकर समाचार प्रकाशित हुए इसके बाद कलेक्टर राजगढ़ द्वारा स्थानीय एसडीएम संजय उपाध्याय को मौखिक रूप से रास्ते का आदेश निरस्त करें इसके बाद एसडीएम ने उक्त मामले को लेकर जांच में गति पकड़ी  तत्कालीन तहसीलदार तत्कालीन एसडीपी एवं लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर कथन लिए और मीडिया को कहा कि कथन के बाद ही आगे की  कार्यवाही की जाएगी संबंधित तीनों अधिकारियों ने अपने-अपने हिसाब से कथन प्रस्तुत किया लेकिन उत्तर अवैध रास्ते का आदेशआज तक निरस्त नहीं हुआ तो मीडिया द्वारा फिर मामले को लेकर एसडीम को संज्ञान में लाया एसडीएम द्वारा स्वयं निरीक्षण कर पाया कि रास्ता होते हुए भी रास्ता वहां मिला है लेकिन समाचार लिखे जाने तक रास्ते का आदेश निरस्त नहीं किया।

भू अभिलेख में है सच्चा दस्तावेज

जिस भूमि पर जाने के लिए  अवेध तरीके से रास्ता बनाया और उसे रास्ते का  आदेश पारित हुआ उस भूमि पर जाने के लिए पूर्व से ही रास्ता मौजूद है और यह हम नहीं भू अभिलेख का दस्तावेज बता रहा है कि वहां पहले से ही जाने का रास्ता मौजूद है और जिस जगह रास्ता बनाया गया वहां पूर्व में कोई रास्ता नहीं था इसके बावजूद भी रास्ते का आदेश पारित हुआ उसमें भी सर्वे नंबर किसी और का नाम किसी और का लिखकर आदेश दिया गया। सारंगपुर में ब्लॉक कॉलोनी के नाम से जो जमीन कागजों में  थी  उस  जमीन का मामला अब न्यायालय में पहुंच गया है और न्यायालय के बाद कलेक्टर राजगढ़ के आदेश अनुसार भू अभिलेख में राजस्व विभाग के नाम दर्ज हो चुकी है इस जमीन में से तत्कालीन तहसीलदार ने एक अवैध रास्ते का आदेश पारित किया हुआ है जो अभी  भी यथावत है, लेकिन हकीकत उजागर होने के बाद भी उक्त  रास्ते का  आदेश निरस्त नहीं करना चर्चा का विषय बना हुआ है।

इनका कहना है…

विधानसभा चुनाव के कारण जांच में देरी हुई है मैंने अवलोकन किया है एक ही जमीन में जाने के दो रास्ते कैसे हो सकते हैं रास्ता आदेश के संबंध में अपील करना जरूरी है में निरस्त नहीं कर सकता।

-संजय उपाध्याय, एसडीएम सारंगपुर।