स्वतंत्र समय, ग्वालियर
वाइस चांसलर को हार्ट अटैक आने के बाद तत्काल इलाज के लिए ले जाने जज की कार बिना बताए छीनकर ले जाने वाले दो छात्रों को पुलिस न्यायालय में पेश किया है। जहां से उनको सीधे जेल (न्यायिक हिरासत) भेज दिया गया है। पुलिस ने जज के वाहन चालक की शिकायत पर डकैती का मामला दर्ज कर दोनों छात्रों को हिरासत में लिया था। जिस पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पड़ाव थाना पर हंगामा किया था। मंगलवार को छात्रों की गिरफ्तारी पर एबीवीपी आक्रोशित नजर आई और एसपी ऑफिस पहुंचकर हंगामा कर नारेबाजी की। यहां एबीवीपी का कहना है कि किसी की जान बचाना गुनाह हो गया। ऐसे तो इंसानियत से विश्वास ही उठ जाएगा। इस दौरान काफी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा है।
जज के वाहन चालक से कार जबरन ले जाकर वाइस चांसलर की जान बचाने की कोशिश करने वाले दिल्ली से आ रहे एबीवीपी के महामंत्री हिमांशु श्रोत्री, सुब्रत कुमार को पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच पड़ाव थाना से जिला एवं सत्र न्यायालय इंदरगंज लेकर पहुंची। सोमवार रात भर पड़ाव थाना पर एबीवीपी के कार्यकर्ता हंगामा करते रहे, इसलिए ही पूरा थाना पुलिस छावनी में बदल दिया गया था।
जब पुलिस उनको लेकर कोर्ट पहुंची तो वहां जैसे ही उनको कोर्ट में पेश किया तो जज ने सीधे जेल भेजने के आदेश दे दिए, क्योंकि पुलिस की ओर से भी उनको पुलिस रिमांड पर लेने के लिए कोई पैरवी नहीं की गई थी। कोर्ट परिसर से दोनों छात्रों को कड़ी सुरक्षा में सेन्ट्रल जेल ग्वालियर भेज दिया गया।
ऐसे समझिए पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के पीके विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रणजीत सिंह पुत्र गणपत सिंह यादव (59) अभी दिल्ली के द्वारिका सेक्टर में रहते हैं। मूल रूप से वह राजस्थान के बीकानेर रेवाड़ी के रहने वाले हैं। रविवार रात को वह दक्षिण एक्सप्रेस से अपने कुछ छात्रों के साथ दिल्ली से झांसी के लिए आने के लिए ट्रेन में सवार हुए थे।
आगरा निकलते ही उनकी तबियत बिगडऩी जो मुरैना आते-आते काफी खराब हो गई। उनके साथ चल रहे छात्रों ने मुरैना में रेलवे से तत्काल चिकित्सा सुविधा मांगी, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो सकी बल्कि उनको बताया कि ग्वालियर स्टेशन के बाहर एम्बुलेंस 24 घंटे अलर्ट रहती है वहां से उन्हें सीधे अस्पताल ले जाया जा सकता है। जब स्टेशन पर उनके साथ आए छात्रों ने उनको ट्रेन से उतारा तो वहां कोई एम्बुलेंस नहीं मिली, जबकि वाइस चांसलर की हालत बेहद नाजुक थी।
छात्र-छात्राएं बीमार चांसलर को लेकर जब ग्वालियर स्टेशन के पोर्च में पहुंचे तो एक खड़ी कार में लिटा दिया। यह कार ग्वालियर हाई कोर्ट के एक जज की थी। जज को लेने के लिए उनका गनर अंदर गया था। बाहर वाहन चालक गाड़ी में बैठा था। छात्रों को उसने मरीज को हटाने और गाड़ी को खाली करने की चेतावनी भी दी थी, लेकिन छात्र चालक को धक्का देकर वाइस चांसलर को हॉस्पिटल के लिए लेकर निकल गए। जहां उनको हॉस्पिटल में मृत घोषित कर दिया गया था। इस मामले में जज के वाहन चालक की शिकायत पर पुलिस ने गाड़ी ले जाने वाले दोनों छात्रों पर डकैती का मामला दर्ज किया था।
एसपी ऑफिस पर हंगामा, अब पूरे प्रदेश में होगा आंदोलन
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार दोपहर एसएसपी ऑफिस ग्वालियर में जमकर प्रदर्शन किया है। कई घंटे बैठकर नारेबाजी की है। इस दौरान उन्होंने एसएसपी राजेश सिंह चंदेल के सामने अपनी बात भी रखी है। एबीवीपी नेता संदीप श्रोतिय ने बताया कि छात्रों ने सेवाभाव के चलते हार्ट अटैक का शिकार वाइस चांसलर की जान बचाने के लिए जज की कार ले गए थे। इससे पहले स्टेशन पर एंबुलेंस के लिए 15 से 20 मिनट इंतजार किया। इस तरह छात्रों के खिलाफ पुलिस द्वारा एफआईआर की गई है। इसके विरोध में पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया जाएगा।