एबीवीपी छात्रों पर डकैती का केस, बैकफुट पर एबीवीपी नेता

स्वतंत्र समय, ग्वालियर

एबीवीपी के दो छात्रों के खिलाफ डकैती का मामला दर्ज और गिरफ्तारी के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता और पदाधिकारी द्वारा पिछले दो दिनों से धरना प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जाता रहे हैं। बता दें कि यह मामला दो दिन पहले ग्वालियर रेलवे स्टेशन का है। जहां एबीवीपी के छात्रों ने ट्रेन में हार्ट अटैक आने पर बीमार कुलपति की जान बचाने के लिए रेलवे स्टेशन पर एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण एक हाईकोर्ट जज की कार छीनकर उसमें कुलपति को बिठाकर हॉस्पिटल इलाज के लिए लेकर पहुंचे थे।
लेकिन अस्पताल पहुंचते पहुंचते उनकी मौत हो गई थी। अब इस मामले में एबीवीपी सोशल मीडिया पर छात्रों के समर्थन में आंदोलन करने का दावा कर रही है। एबीवीपी को प्रदेश स्तरीय संगठन से कोई दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। जिसके बाद वह बैकफुट पर नजर आ रही है।

ऐसे समझिए पूरा मामला

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पीके विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रणजीत सिंह पुत्र गणपत सिंह यादव (59) अभी दिल्ली के द्वारिका सेक्टर में रहते हैं। मूल रूप से वह राजस्थान के बीकानेर रेवाड़ी के रहने वाले हैं। रविवार रात को वह दक्षिण एक्सप्रेस से अपने कुछ छात्रों के साथ दिल्ली से झांसी के लिए आने के लिए ट्रेन में सवार हुए थे। आगरा निकलते ही उनकी तबियत बिगडऩी जो मुरैना आते-आते काफी खराब हो गई। उनके साथ चल रहे छात्रों ने मुरैना में रेलवे से तत्काल चिकित्सा सुविधा मांगी, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो सकी बल्कि उनको बताया कि ग्वालियर स्टेशन के बाहर एम्बुलेंस 24 घंटे अलर्ट रहती है वहां से उन्हें सीधे अस्पताल ले जाया जा सकता है। जब स्टेशन पर उनके साथ आए छात्रों ने उनको ट्रेन से उतारा तो वहां कोई एम्बुलेंस नहीं मिली, जबकि वाइस चांसलर की हालत बेहद नाजुक थी।
छात्र-छात्राएं बीमार चांसलर को लेकर जब ग्वालियर स्टेशन के पोर्च में पहुंचे तो एक खड़ी कार में लिटा दिया। यह कार ग्वालियर हाई कोर्ट के एक जज की थी। जज को लेने के लिए उनका गनर अंदर गया था। बाहर वाहन चालक गाड़ी में बैठा था। छात्रों को उसने मरीज को हटाने और गाड़ी को खाली करने की चेतावनी भी दी थी, लेकिन छात्र चालक को धक्का देकर वाइस चांसलर को हॉस्पिटल के लिए लेकर निकल गए। जहां उनको हॉस्पिटल में मृत घोषित कर दिया गया था।
इस मामले में जज के वाहन चालक की शिकायत पर पुलिस ने गाड़ी ले जाने वाले एबीवीपी के दोनों छात्र हिमांशु स्रोतिया और सुकृत पर डकैती का मामला दर्ज किया था। और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। थाना पड़ाव पुलिस द्वारा डकैती का मामला दर्ज और छात्रों की गिरफ्तारी के बाद एबीवीपी पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताते हुए अब प्रदेश भर में आंदोलन करने की रूपरेखा तैयार कर रही है।

सोशल मीडिया पर आंदोलन करेगी एबीवीपी

प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्यभारत के प्रांत मंत्री संदीप वैष्णव ने कहा कि कुलपति की जान बचाने के लिए जो भी संभव प्रयास किए जा सकते थे वह हमारे कार्यकर्ताओं ने किया है। ऐसे में आपराधिक मामला दर्ज किया जाना निंदनीय है, हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ न्याय की मांग में साथ खड़े है। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने अपनी सफाई में कहा है कि हमारे कार्यकर्ताओं को उसे वक्त पता नहीं था बीमार व्यक्ति कुलपति है या जिस व्यक्ति की गाड़ी ली गई है, वह हाईकोर्ट जज की गाड़ी है। बहरहाल ऐसे में पुलिस के द्वारा जल्दबाजी में की गई कार्रवाई से एबीवीपी कार्यकर्ताओं में आक्रोश पनप रहा है। मंगलवार को आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने थाना पड़ाव और एसपी ऑफिस का घेराव भी किया था। अब एबीवीपी सोश्ल मीडिया पर आंदोलन छेडेगी।

सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे मामला

एबीवीपी का कहना है कि हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिलती है तो वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और इसके लिए विद्यार्थी परिषद लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ेगा। जिस प्रकार से पुलिस ने उन्हें धोखे से मामले की जानकारी बताने के लिए थाने बुलाकर गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उन छात्रों पर डकैती का मामला दर्ज किया था यह है निंदनीय है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। संदीप वैष्णव का कहना है कि एबीवीपी के छात्र और नेता सोशल मीडिया के माध्यम से अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे और जब तक उनके साथी छात्रों को न्याय नहीं मिल जाता है जब तक वह अपना विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे।