स्वतंत्र समय, भिण्ड
नगर के गौरी सरोवर के समीप ही मुख्य मार्ग पर सडक़ के बींचोबीच खुलेआम अवैध तरीके से मीट व मछली की दुकानें चल रही हैं, जिसकी दुर्गंध फैलने के कारण राहगीरों को आवागमन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वहीं आस-पास रहने वाले रहवासियों को भी इसी दुर्गंध के बीच मजबूरी में रहना पड़ रहा है।
सूत्रों की मानें तो सडक़ पर लग रही ज्यादातर मीट की दुकानों के लाइसेंस भी नहीं हैं, चिकन, मटन हो या फिर मछली की, बिना जांच कराए ही उसे धड़ल्ले से बेचा जा रहा है, जिससे बाजार में कोई भी बड़ी बीमारी फैलने का अंदेशा बना रहता है। इसको लेकर कई बार समाजसेवियों और हिन्दू संगठनों ने आवाज उठाई कि मीट की दुकानों को बाजार की आबादी से दूर किसी निश्चित स्थान पर प्रशासन को लगवाना चाहिए। समाजसेवियों का कहना है कि सरकार द्वारा खुले में मांस बेचना प्रतिबंधित है, फिर भी दुकानदार नियमों को ताक पर रख कर व्यवसाय कर रहे हैं। इन दुकानदारों द्वारा सरकारी मापदण्डों का भी खुलेआम उल्लंघन किया जाता है, नियम के तहत कार्य करने को लेकर प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
राहगीरों व श्रद्घालुओं को करना पड़ता है भारी परेशानी का सामना
जैसा कि सभी जानते हैं कि शहर में स्थित प्राचीन शिव मन्दिर वनखण्डेश्वर महदेव के दर्शन करने के लिए लगभग प्रत्येक शहरवासी जाता है, वहीं गौरी सरोवर किनारे भी कई प्राचीन मन्दिर हैं, जिसमें हाउसिंग कॉलोनी, बस स्टैण्ड, आर्यनगर के लोगों को वनखडेश्वर मन्दिर मीट मण्डी होकर ही निकलना होता है, इसके अलावा गोल मार्केट, हाउसिंग कॉलोनी, झांसी रोड आदि जगह के लोग गौरी सरोवर व कालेश्वर मन्दिर आदि के लिए भी यहीं से गुजरते हैं। चूंकि कई लोगों ने सडक़ किनारे ही हाथठेला पर मीट की दुकानें सजा रखी हैं और मुर्गा के पिंजरा रख लिए हैं। साथ ही दुकानदार खुलेआम मीट का कारोबार करते हैं। जिससे राहगीर व श्रद्घालुओं को काफी परेशानी होती है। लोगों का कहना है कि जब दुकानें अंदर थी तब दुर्गंध कम आती थी, लेकिन अब तो सडक़ से निकलना तक मुश्किल हो रहा है।
समाजसेवियों और हिन्दू संगठनों ने कई बार उठाई मांग
यहां आपको बता दें कि गौरी सरोवर किनारे लग रही मीट मण्डी को हटाने के लिए कई बार समाजसेवियों और हिन्दू संगठनों ने आवाज उठाई है, इसके बावजूद प्रशासन ने आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। हिन्दू संगठन के जीतू भदौरिया का कहना है कि हमने कई बार आवाज उठाई सिर्फ आश्वासन दिया गया, लेकिन आज तक मीट मण्डी को अन्यत्र शिफ्ट नहीं किया गया है। उम्मीद है कि नवागत मुख्यमंत्री के फैसले के बाद यह मीट मण्डी यहां से हटाकर कहीं और शिफ्ट कर दी जाएगी, हम उनके इस निर्णय पर आभार व्यक्त करते हैं।
तो क्या अब हट सकेगी खुले में लगी मीट मण्डी?
हाल ही में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने के बाद मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. मोहन यादव को प्रदेश का मुखिया चुना गया है, प्रदेश के नवागत मुख्यमंत्री ने शपथ लेते ही कैबिनेट में महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिनमें मांस और अण्डों की खुले में सजने वाले बाजार पर सख्ती बरतने की भी बात कही है। उन्होंने कहा है कि खुले में मांस मछली या अण्डे की दुकानों पर सख्ती होगी, मीट का कारोबार करने वाले व्यवसायी नियमों के तहत ही व्यापार करें यदि नियम विरुद्ध मांस बेचा गया तो उन पर सख्ती से कार्रवाई होगी। नवागत मुख्यमंत्री के इस निर्णय शहर के श्रद्धालुओं को अब उम्मीद है कि वर्षों से परेशानी झेल रहे लोगों को अब इस समस्या से निजात जरूर मिलेगी।