स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रदेश में बुनियादी ढाँचे का निर्माण करके सबसे गरीब और कमजोर लोगों की जरूरतों को पूरा किया जायेगा। मजबूत बुनियादी ढांचे से बढ़ेगा सडक़ संपर्क, हवाई संपर्क, ग्रीन ऊर्जा उत्पादन और क्षेत्रों के समग्र विकास में आयेगी तेजी। इसकी गारंटी संकल्प पत्र-2023 के संकल्पों में दी गयी है। अगले पाँच वर्षों में प्रदेश में एक्सप्रेस-वे नेटवर्क का विस्तार करने और प्रदेश को सौर ऊर्जा उत्पादन तथा उपयोग के मामले मे शीर्ष तीन प्रदेशों में शामिल करने की प्रतिबद्धता दर्शायी गयी है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि यह संकल्प-पत्र प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी है। इसके क्रियान्वयन के लिये सभी विभागों को सात दिन में रोड-मेप बनाकर कार्य शुरू करने के निर्देश दिये है। संकल्प पत्र में कहा गया है कि वर्ष 2002-03 में इंफ्रास्ट्रक्चर बजट 2 हजार 935 करोड़ था, जो इस वर्ष बढक़र 56 हजार करोड़ से भी अधिक है। अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत अब तक 5 हजार से अधिक सरोवर विकसित किए हैं। ऊर्जा उत्पादन 2003 में 5 हजार 173 मेगावाट था, जो अब लगभग 5 गुना बढक़र 29 हजार मेगावाट से अधिक हो गया है। वर्ष 2001-02 में सडक़ों की लंबाई मात्र 60 हजार किमी थी, जो आज बढक़र 5 लाख किमी से अधिक हो गई है। प्रदेश में 77 हजार करोड़ से अधिक की लागत की रेल परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर हैं।
बुंदेलखण्ड, विंध्य और महाकौशल के लिए विकास बोर्ड
संकल्प पत्र के अनुसार बुंदेलखण्ड के विकास के लिये 5 हजार करोड़ के निवेश के साथ बुंदेलखण्ड विकास बोर्ड की स्थापना की जायेगी। विंध्य विकास बोर्ड एवं महाकौशल विकास बोर्ड की स्थापना की जायेगी। चंदेली एवं बुंदेली तालाबों को पुनर्जीवित करने एवं इन्हें अमृत सरोवरों के रूप में विकसित करने के लिये एक टास्क फोर्स बनाया जायेगा। दस हजार करोड़ रूपये के निवेश के साथ भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, सागर, सतना एवं उज्जैन में स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत चल रही परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जायेगा। सीएम अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के अंतर्गत मिशन मोड पर सभी नगरों में मॉडर्न इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे सडक़, यातायात सुधार, सुंदरीकरण, उद्यान विकास से संबंधित कार्य किये जायेंगे। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर एवं जबलपुर के निकटवर्ती जिलों में उपनगरीय क्षेत्रों का विकास कर महानगरीय सेवाओं को सुदृढ़ किया जाएगा। अमृत- 2.0 योजना के अंतर्गत प्रदेश के 30 से अधिक शहरों में जल आपूर्ति एवं सीवरेज परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जावेगा। सभी मुख्य शहरों में पीएनजी पाइपलाइन से गैस कनेक्शन की व्यवस्था की जायेगी। केंद्र सरकार के सहयोग से झुग्गी- झोपड़ी में रहने वालों को पक्के मकान एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी। प्रदेश में सस्टेनेबल सिटीज़ विकसित करने के लिए शहरी स्थानीय निकायों में विभिन्न पदों पर 1,000 शहरी योजनाकारों को नियुक्त किया जायेगा।
600 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट ओंकारेश्वर में
अटल गृह ज्योति योजना के अंतर्गत हर घर को 100 रूपये में 100 यूनिट बिजली दी जाती रहेगी। खंडवा में दुनिया के सबसे बड़े 600 मेगावाट के ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का निर्माण समय से पूरा किया जायेगा। प्रदेश के सभी खराब ट्रांसफार्मरों को मार्च 2024 तक मिशन मोड में बदलेंगे एवं नागरिकों के लिये ट्रांसफार्मर खराब होने की शिकायत दर्ज करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया जायेगा। प्रदेश में एक्सप्रेस नेटवर्क विस्तार के लिये 867 किमी लम्बा नर्मदा प्रगति पथ, अमरकंटक, डिंडौरी, शाहपुरा, जबलपुर, नर्मदापुरम, बड़वाह और अलीराजपुर को जोड़ेगा। 676 किमी लम्बा विंध्य एक्सप्रेस-वे भोपाल, दमोह, कटनी, रीवा, सीधी एवं सिंगरौली को जोड़ेगा। 450 किमी लम्बा मालवा निमाड़ विकास पथ मंदसौर, उज्जैन, इंदौर एवं बुरहानपुर को जोड़ेगा। 299 किमी लम्बा अटल प्रगति पथ मुरैना, श्योपुर एवं भिंड को जोड़ेगा। 746 किमी लम्बा मध्य भारत विकास पथ बैतुल को मुरैना से जोड़ेगा। प्रदेश में सडक़ों की लंबाई 60 हजार किमी से बढ़ाकर 5 लाख किमी की है, राज्यव्यापी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिये और एक लाख किमी सडक़ें बनायी जायेगी। प्रदेश में 500 फ्लाईओवर, आरयूबी एवं आरओबी का एक बड़ा नेटवर्क विकसित किया जायेगा। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन में रिंग रोड का निर्माण किया जायेगा। प्रदेश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख प्रदेश राजमार्गों को चार लेन में अपग्रेड किया जायेगा। अगले 5 वर्षों में 10 हजार करोड़ रूपये के निवेश के साथ मध्यप्रदेश रोड मेंटेनेंस एवं डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किया जायेगा। जिसके अंतर्गत प्रदेश की सडक़ों का निर्माण एवं रख-रखाव किया जायेगा। तीन हजार करोड़ रूपये के निवेश के साथ भोपाल 8 लेन एलिवेटेड लेक कॉरिडोर एवं पश्चिम भोपाल बायपास का समयबद्ध निर्माण किया जायेगा।
रीवा, सिंगरौली और शहडोल को मिलेगी हवाई सेवा
केन्द्र सरकार के साथ मिलकर अगले 5 वर्षों में अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत 80 रेलवे स्टेशनों का आधुनिकरण किया जायेगा। केन्द्र सरकार के साथ मिलकर मध्यप्रदेश में वंदे मेट्रो और वंदे स्लीपर ट्रेन शुरू करने के लिये मास्टर प्लान तैयार किया जायेगा। केन्द्र सरकार के साथ मिलकर रीवा, सिंगरौली एवं शहडोल हवाई अड्डों का निर्माण रिकार्ड समय में पूर्ण किया जायेगा। केन्द्र सरकार के साथ मिलकर इंदौर में नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का समयबद्ध निर्माण एवं संचालन सुनिश्चित किया जायेगा। ग्वालियर हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल का निर्माण कार्य समय पर पूर्ण किया जायेगा। केन्द्र सरकार के साथ मिलकर उज्जैन एयरस्ट्रिप का विस्तार सुनिश्चित किया जायेगा एवं प्रदेश में अन्य एयरस्ट्रिप का आवश्यकता अनुसार विस्तार किया जायेगा। केन्द्र सरकार के साथ मिलकर एविएशन उद्योग में रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिये राजा भोज हवाई अड्डे में मेंटेनेंस, रिपेयर एवं ओवरहाल (एमआरओ) हब विकसित किया जायेगा। वर्ष 2027 तक भोपाल और इंदौर मेट्रों लाइनों का पूर्ण संचालन सुनिश्चित किया जायेगा। जबलपुर, ग्वालियर एवं प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों में मेट्रो लाइनों के विकास और विस्तार के लिये एक मास्टर प्लान तैयार किया जायेगा। तीन हजार नई इलेक्ट्रिक बस शुरू की जाएगी। चार्जिंग स्टेशनों की व्यवस्था की जाएगी। वन डिस्ट्रिक्ट-वन बस पोर्ट योजना शुरू की जायेगी। जिसके अंतर्गत प्रत्येक जिले में बस पोर्ट को आधुनिक बनाया जायेगा।