स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
देश में बिना चालक वाली यानी ड्राइवरलैस कारों को लेकर केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने साफ कह दिया है कि वह कभी इसकी अनुमति नहीं देंगे।केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दृढ़ता से भारत में चालक रहित कारों की शुरुआत के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त किया। उन्होंने चालकों की नौकरी के नुकसान के बारे में चिंता व्यक्त की। जीरो माइल संवाद में बोलते हुए गडकरी ने कहा, ‘मुझसे कई बार बिना चालक वाली कारों के बारे में पूछा जाता है। तब मैं कहता हूं कि जब तक मैं परिवहन मंत्री हूं, तब तक आप भूल जाएं।’
चीन में विनिर्माण स्वीकार्य नहीं
गडकरी ने कहा, ‘मैं बिना चालक वाली कार को भारत में कभी नहीं आने दूंगा क्योंकि इससे कई लोगों की नौकरियां चली जाएंगी और मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टेस्ला का भारत में स्वागत है, लेकिन भारत में बिक्री के लिए चीन में विनिर्माण स्वीकार्य नहीं है।
बिना चालक वाली कारों का परीक्षण
आपको बता दें, दुनिया में कई जगहों पर बिना चालक वाली कारों का परीक्षण किया जा रहा है। गूगल समेत कई दिग्गज कंपनियां इस पर काम कर रही हैं कि कैसे ड्राइवरलैस कारें सडक़ों पर उतारी जाएं। माना जा रहा है कि ऐसा करने से आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस की मदद से दुर्घटनाओं को कम किया जा सकेगा।
वाहन कबाड़ नीति अंतिम चरण में
देश में 22 लाख चालकों की कमी की बात कहते हुए गडकरी ने कहा कि देश में रोजगार में वृद्धि के साथ-साथ उद्योग में भी वृद्धि की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वाहन कबाड़ नीति अंतिम चरणों में है और यदि हम इसे लाते हैं तो हमारी लागत 100 प्रतिशत घट जाएगी, क्योंकि कच्चा माल सस्ता हो जाएगा और भारत ई-वाहन, वाहन विनिर्माण के मामले में दुनिया नंबर एक विनिर्माण केंद्र बन जाएगा। अगर ऐसा होता है तो यह निश्चित रूप से भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में काफी योगदान करेगा। गडकरी ने कहा कि वर्तमान में वाहन उद्योग 4.5 लाख करोड़ रुपये का है. केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य कार्यक्रम में कहा कि सरकार की अगले पांच साल में खादी एवं ग्रामोद्योग क्षेत्र के कारोबार को बढ़ाकर दो लाख करोड़ रुपये करने की योजना है। वर्तमान में इसका कारोबार 75,000 करोड़ रुपये है।