स्वतंत्र समय, उज्जैन
मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉ. मोहन यादव पहली बार शनिवार रात उज्जैन में रुके। इसी के साथ उन्होंने इस मिथक को भी तोड़ दिया कि कोई भी शासक यानी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या उनके समकक्ष बाबा महाकाल की नगरी में रात्रि विश्राम नहीं करता। सीएम डॉ. यादव उज्जैन के ही रहने वाले हैं। उनका घर शहर की गीता कॉलोनी में है। शनिवार रात ही सीएम ने उज्जैन में जनसभा में कहा था कि इस मिथक को तत्कालीन राजा दौलत राव सिंधिया ने बनाया। तत्कालीन राजा महाद जी सिंधिया के निधन के बाद दौलत राव सिंधिया राजधानी को उज्जैन से ग्वालियर ले जाना चाहते थे। 1812 में वे राजधानी तो ले ही गए, धीरे से एक मंत्र फूंक गए कि यहां (उज्जैन) कोई राजा रात को नहीं रहेगा, जिससे कोई कब्जा करने नहीं आए। यह उनकी राजनीतिक रणनीति थी। उन्होंने कहा कि अब हम भी कहते हैं कि राजा रात नहीं रहेगा। अरे, राजा तो बाबा महाकाल हैं, हम सब तो बेटे हैं उनके, क्यों रात नहीं रहेंगे?
ब्रह्मांड में कहां कोई बच सकता है अगर महाकाल ने टेढ़ी निगाह कर ली तो? मुझसे मोदी जी ने कहा कि बनारस मैं संभालता हूं, मोहन जी आप उज्जैन संभालो। मैं मुख्यमंत्री नहीं, मुख्य सेवक हूं।