स्वतंत्र समय, भोपाल
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर रोक लगा दी है। बता दें कि एक ही मामले में दिग्विजय सिंह पर पांच एफआईआर दर्ज की गई थीं। इन एफआईआर के खिलाफ दिग्विजय सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। बता दें कि एक ही मामले में दिग्विजय सिंह पर पांच एफआईआर दर्ज की गई थीं। इन एफआईआर के खिलाफ दिग्विजय सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। एक ही मामले पर सिंह के खिलाफ अलग-अलग थानों में पांच केस दर्ज किए गए थे। कोर्ट एफआईआर को रद्द करते हुए कहा कि एक ही मामले पर पांच जगह एफआईआर नहीं हो सकती हैं। हाईकोर्ट ने केवल एक एफआईआर रोककर बाकी सभी एफआईआर पर रोक लगा दी। बता दें कि दिग्विजय सिंह द्वारा गुरू गोलवलकर के विचारों को लेकर अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थी। पोस्ट के संबंध में दिग्विजय सिंह के खिलाफ बीजेपी ने प्रदेश के कई थानों में एफआईआर दर्ज कराई थी।
क्या है वो विवादित मामला?
गुरु गोलवलकर के विचारों को लेकर दिग्विजय सिंह के सोशल मीडिया फेसबुक और ट्विटर से एक पोस्ट की गई थी, जिसके संबंध में उनके विरुद्ध अनेक पुलिस थानों में भाजपा और आर।एस।एस। से जुड़े लोगों ने शिकायत की थी। उनके खिलाफ आईपीसी की गैर जमानती धाराओं में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस थाना तुकोगंज, इन्दौर में दर्ज पहली शिकायत को छोडक़र अन्य सभी शिकायतों को दिग्विजय सिंह की ओर से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर में चुनौती दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला
दिग्विजय के वकील विभोर खंडेलवाल ने न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की कोर्ट में पैरवी करते हुए तर्क किए कि एक ही कृत्य में दो या दो से अधिक एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती, लेकिन फिर भी शासन उनके पक्षकार के विरुद्ध दुर्भावना पूर्वक कार्रवाई की गई है। खंडेलवान ने सुप्रीम कोर्ट के अनेक आदेशों का हवाला देते हुए हाईकोर्ट से दिग्विजय सिंह को अंतरिम राहत दिए जाने की प्रार्थना की। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें एक एफआईआर रोककर बाकी पर रोक लगा दी।