पश्चिमी रिंग रोड : पंद्रह दिन में नोटिफिकेशन की उम्मीद, दिल्ली भेजा गया सड़क का प्रस्ताव

स्वतंत्र समय, इंदौर

जमीन अधिग्रहण में किसानों के विरोध के बीच प्रशासन पश्चिमी रिंग रोड के लिए कमर कस तैयारी शुरू किए हुए है। पश्चिमी रिंग रोड के लिए प्रशासन सबसे पहले जमीन अधिग्रहण के पेंच से बाहर आना चाहता है। वहीं दूसरी ओर प्रशासन अपनी कागजी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है ताकि इन कामों के बाद निर्माण का रास्ता साफ हो सके। फिलहाल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पश्चिमी रिंग रोड का सर्वे पूरा कर रिपोर्ट मुख्यालय भेजी है। बताया जा रहा है कि 140 किमी लंबे पश्चिम रिंग रोड का सर्वे एनएचएआई ने पूरा कर लिया है। दूसरी ओर किसान जमीन अधिग्रहण के लिए राजी नहीं हैं। इंदौर और देवास जिलों के किसानों ने दुगने मुआवजे की मांग की है और इसके लिए 26 दिसंबर को महापंचायत बुलाई है।

पश्चिमी रिंग रोड आंकड़ों में…

  • 1000 करोड़ रुपए आएगी लागत
  • 140 किलोमीटर का सर्वे पूरा
  • 64 किलोमीटर की मिली इजाजत
  • 39 गांव होंगे प्रभावित
  • 650 हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण

पश्चिमी रिंग रोड में आने वाले गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा

पश्चिमी रिंग रोड के लिए आने वाले गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा किया जा चुका है। इस आधार पर जमीन के खसरा नंबर के प्रकाशन के लिए प्रस्ताव दिल्ली मुख्यालय भेजा गया है। संभवत: जनवरी के पहले सप्ताह में नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। गौरतलब है कि एनएचएआई ने गत तीन माह में ड्रोन सर्वे पूरा कर जमीन की भौतिक स्थिति की रिपोर्ट तैयार की थी ताकि इसके आधार पर दूसरी अधिसूचना जारी हो सके। मुख्यालय से गांवों और जमीन के खसरा नंबर का प्रकाशन होना है। करीब एक हजार करोड़ की लागत से बनने वाली सडक़ के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

650 हेक्टेयर जमीन की जरूरत किसानों को देंगे मुआवजा

पश्चिमी रिंग रोड 140 किलोमीटर लंबा बनाया जाना है, लेकिन अभी 64 किलोमीटर में निर्माण की अनुमति मिली है। यह छह लेन सडक़ शिप्रा से शुरू होगा और पीथमपुर के पास नेट्रेक्स तक बनेगा। इसमें 39 गांवों की करीब 650 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। किसानों से जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजा देना होगा।

दोगुना मुआवजे की मांग कर रहे किसान, 26 को महापंचायत

पश्चिम रिंग रोड के लिए जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की जाना है, वे इसका विरोध कर रहे है। किसानों के विरोध के कारण कई क्षेत्रों में एनएचएआई अब तक पत्थर लगाने का काम पूरा नहीं कर पाई। किसान गांव-गांव बैठक कर अन्य किसानों को जमीन अधिग्रहण के लिए लामबंद कर रहे हैं। किसानों ने 26 दिसंबर को महापंचायत बुलाई है। इसमें इंदौर और देवास जिले के किसान शामिल होंगे।

इंदौर की पांच आउटर सड़कों को क्रॉस करेगा नया रिंग रोड

एनएचएआई द्वारा प्रस्तावित रिंग रोड के लिए प्रशासन ने 140 किलोमीटर वाले अलाइनमेंट को स्वीकृत कर दिया है। 145 और 161 किलोमीटर के अलाइनमेंट भी प्रस्तावित थे। देश में सबसे बड़ा रिंग रोड हैदराबाद में 158 किलोमीटर का बना है। इसके बाद इंदौर में प्रस्तावित है। यह रिंग रोड इंदौर-हरदा रोड, इंदौर-देवास बायपास, इंदौर-खंडवा रोड, आगरा-मुंबई रोड और गुजरात तक जाने वाले हाईवे से सीधे जुड़ेगा। रिंग रोड 5 स्थानों देवास वाली सडक़ पर शिप्रा के पास, हरदा वाली सडक़ पर डबल चौकी के पास, खंडवा वाली सडक़ पर सिमरोल के पहले, एबी रोड पर महू के पास और इंदौर गुजरात हाईवे पर बेटमा के पास इस रिंग रोड का इंटरसेक्शन होगा।

मुख्यालय से होगा प्रकाशन, दिल्ली में प्रस्ताव

एनएचआई के महाप्रबंधक रमेश बांझल के मुताबिक पश्चिमी रिंग रोड के लिए धारा 3ए के तहत गांव और जमीन के खसरा नंबर का प्रकाशन मुख्यालय से होना है। फिलहाल, प्रस्ताव भेज दिया है। इसके बाद धारा 3डी में खसरा नंबर और भूधारक का प्रकाशन होगा। सडक़ निर्माण के लिए टेंडर तैयार भी हो चुका है।