स्वतंत्र समय, भोपाल
मध्य प्रदेश की 16वीं विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर बुधवार को निर्विरोध चुन लिए गए। सदन के नेता डॉ. मोहन यादव, शिवराज सिंह चौहान, कैलाश विजयवर्गीय, डा. राजेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र सिंह और जयवर्धन सिंह ने प्रस्ताव रखा गया, जिसका अन्य सदस्यों ने समर्थन किया। तोमर को वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें आसंदी तक लेकर आए और फिर उन्होंने सदन की कार्यवाही का संचालन किया। चुनिंदा सदस्यों ने तोमर के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए नए दायित्व के लिए शुभकामनाएं दीं। अपने संबोधन में तोमर ने कहा कि पं. कुंजीलाल दुबे से लेकर गिरीश गौतम तक इस लंबी यात्रा में मेरे से पूर्व अध्यक्षों ने कई मानदंड, परंपराएं स्थापित की हैं। अध्यक्ष के रूप में मेरा ईमानदार प्रयास होगा कि मैं आपकी अपेक्षा के अनुसार अपने दायित्व का निर्वहन कर सकूं। आप सबने मेरे बारे में अपने विचार व्यक्त किए। मुझे नहीं मालूम कि मैं उन विचारों के योग्य हूं या नहीं लेकिन मैं इतना जरूर जानता हूं कि मेरी यह जवाबदेही है कि आपने जो भाव मेरे लिए प्रकट किए हैं, उनका सम्मान करूं और उसको निभाने की पूरी कोशिश करूं।
भार्गव के संचालन पर सभी ने माना आभार
सर्वसम्मति से चुने जाने के बाद उन्होंने सदन के वरिष्ठतम सदस्य गोपाल भार्गव द्वारा सामयिक अध्यक्ष के रूप कार्यवाही के सफल संचालन को लेकर आभार प्रकट जताया।
साइकिल से छात्र राजनीति करते थे तोमर
मप्र की 16वीं विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए नरेंद्र सिंह तोमर ने छात्र जीवन से राजनीति की शुरूआत पार्षद से लेकर केंद्रीय मंत्री तक का राजनैतिक सफर बड़ा ही संघर्ष भरा रहा है। वे छात्रनीति में साइकिल से लंबी दूरी तक सफर कर आगे बढ़ते रहे। विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले नरेंद्र सिंह तोमर गैर राजनीतिक परिवार से आते हैं। तोमर ने पार्षद से लेकर केंद्रीय मंत्री तक का दायित्व उन्होंने बखूबी निभाया है। इस बार मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट से वह निर्वाचित हुए हैं। मुरैना के औरेठी गांव में 12 जून 1957 को जन्मे तोमर के पिता मुंशी सिंह किसान थे। स्नातक तक शिक्षा लेने वाले तोमर केंद्र और राज्य सरकार में महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व मंत्री के रूप में संभाल चुके हैं।
छात्र संघ अध्यक्ष से दिल्ली तक आगे बढ़े
नरेंद्र सिंह तोमर ने छात्र जीवन से राजनीति शुरू की। ग्वालियर के मुरार शासकीय कालेज में वर्ष 1979-80 में छात्र संघ अध्यक्ष, 1983 से 1987 तक ग्वालियर नगर निगम में पार्षद और वर्ष 1998 में ग्वालियर से पहली बार विधायक चुने गए। वह राज्य सरकार में मंत्री बने। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक का दायित्व निभाया। अब 2023 विधानभा चुनाव जीतने के बाद 16वीं विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया है।