स्वतंत्र समय, अयोध्या
राम मंदिर के नाम पर एक बड़ा फ्रॉड भी सामने आ गया है। कुछ लोग राम मंदिर निर्माण के नाम पर पर्चा छापकर लोगों से चंदा वसूल रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण के नाम पर कोई चंदा नहीं लिया जा रहा है। यह पूरी तरह फ्रॉड है और लोग इससे सावधान रहें। यदि कोई व्यक्ति राम मंदिर निर्माण के नाम पर चंदा ले रहा है, तो इसकी सूचना पुलिस को दें। बजरंग दल के पदाधिकारियों ने विहिप के नेताओं के संज्ञान में यह विषय लाया जिसके बाद संगठन को इस पर प्रतिक्रिया देनी पड़ी है। विश्व हिंदू परिषद के शीर्ष पदाधिकारी मिलिंद परांडे ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए किसी अलग समिति का गठन नहीं किया गया है। किसी समिति को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए धन एकत्र की जिम्मेदारी भी नहीं दी गई है। उन्होंने कहा है कि समाज को ऐसे किसी भी फ्रॉड के प्रति सचेत रहना चाहिए और ऐसे किसी व्यक्ति को आर्थिक योगदान नहीं देना चाहिए।
जनवरी के पहले हफ्ते में चुनी जाएगी रामलला की मूर्ति!
स्वतंत्र समय, अयोध्या। भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की जिस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होनी है उसका निर्माण पूरा हो गया है। गर्भगृह में स्थापित की जाने वाली रामलला की प्रतिमा का चयन जनवरी के पहले हफ्ते में कर लिया जाएगा। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर कार्यशाला में बने मीडिया सेंटर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से जुड़ी तैयारियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा के अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हो जाएंगे। इसका संचालन काशी के विद्वान आचार्य गणेश्वर शास्त्री और लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में होगा। ये दोनों आचार्य ही 22 जनवरी के प्राण-प्रतिष्ठा का पूजन अनुष्ठान संपन्न करवाएंगे।
साधु-संतों के ठहरने के हैं इंतजाम
चंपत राय ने बताया कि देश भर से आने वाले संतों-महंतों के रुकने के लिए तीन स्थानों पर ट्रस्ट की तरफ से व्यवस्था की गई है। इसमें कारसेवक पुरम की टेंट सिटी में 1 हजार, अयोध्या छावनी की टेंट सिटी में मठ-मंदिरों व धर्मशालाओं में 600 कमरे, मणिपर्वत रानोपाली के 45 एकड़ क्षेत्र की टेट सिटी में 12 हजार लोगों के अलावा बागबजेशी में बनी टेंट सिटी में 3500 लोगों की ठहरने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि बागबजेशी में 10 बेड का हॉस्पिटल भी बनाया जा रहा है।