स्वतंत्र समय, भोपाल
अपने सख्त निर्णयों के लिए पहचाने जाने वाले नए मुखिया डॉ मोहन यादव ने अब सीनियर आईपीएस अफसरों को भी मैदान में उतार दिया है। पहले सीनियर आईएएस अफसरों को संभागवार जिम्मेदारी दी और अब इन संभागों में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सीनियर आईपीएस अफसरों को सौंप दी है। यादव के इन हैरान करने वाले निर्णय ने ब्यूरोक्रेसी को साफ संदेश दे दिया है कि अब सिर्फ पदों पर बने रहने से काम नहीं चलेगा। एडीजी रैंक के अफसरों को प्रदेश के 10 संभागों में कानून व्यवस्था की देखरेख करने और पुलिस कार्यप्रणाली
की निगरानी करने की जिम्मेदारी दे दी है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि यादव के मंत्रिमंडल को जो काम करना है, उन कामों को फिलहाल आईएएस और आईपीएस अफसरों के जरिए सीएम मोहन यादव सरकार कराने जा रही है। ऐसे में देखना होगा कि क्या मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अभी और विलंब होगा।
दिल्ली जाने से पहले तय कर गए जिम्मेदारी
सीएम मोहन यादव शनिवार को एक बार फिर से दिल्ली पहुंचे हैं। दिल्ली में उनकी मीटिंग बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह से होगी और पीएम नरेंद्र मोदी से भी मिल सकते हैं। शुक्रवार को भी उनकी मुलाकात इन सभी से हुई थी।
अटकलें लग रही थीं कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर केंद्रीय नेतृत्व की मुहर लगना शेष है, बाकी सब तय है लेकिन जिस तरह से सीएम मोहन यादव द्वारा आईएएस और आईपीएफ अफसरों को संभाग सौंपे जा रहे हैं, उससे लग रहा है कि फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार में अभी और विलंब हो सकता है।
इस एडीजी को इन संभाग का जिम्मा?
- भोपाल संभाग- विजय कटारिया
- नर्मदापुरम संभाग-आलोक रंजन
- ग्वालियर संभाग- प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव
- शहडोल संभाग- योगेश मुदगल
- चंबल संभाग- पवन श्रीवास्तव
- रीवा संभाग- अनिल कुमार
- सागर संभाग- संजीव शमी
- जबलपुर संभाग- चंचल शेखर
- इंदौर संभाग- जयदीप प्रसाद
- उज्जैन संभाग- योगेश देशमुख