स्वतंत्र समय, इंदौर
17 महीने पहले शहर में महापौर के रूप में पदस्थ पुष्यमित्र भार्गव से शहर ने बहुत सारी उम्मीदें लगाई थीं लेकिन यह अभी तक दबी-दबी नजर आ रही थी लेकिन जैसे ही मध्यप्रदेश में भाजपा की यह मोहन सरकार आई है हमारे लोकल सरकार भार्गव का नया रूप सामने आ रहा है। बाजारों में जाकर अतिक्रमण हटाना हो या फिर बंबई बाजार या मालवा मिल जैसे इलाके में बड़ी कार्रवाई करना संकेत दे रहा है कि वो कुछ करने के मूड में है और उनका बंधा हुआ हाथ खोल दिया गया है। हालांकि अभी की गई कार्रवाई दूसरे इलाकों या मुख्य सडक़ों को टारगेट करके होगी, यह साफ नहीं है। अगर यह तेवर कायम रहे और हाथ खुले रहे तो निश्चित हो कुछ न कुछ समस्या तो हल हो सकती है। मध्यप्रदेश में पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री रहे मोहन यादव के सत्ता में आते है समीकरण लगातार बदल रहे हैं। 15 साल के शिवराजसिंह चौहान युग में कुछ लोग पॉवरफुल नजर आते थे तो कई के हाथ बंधे नजर आते थे। बंधे हुए की श्रेणी में शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव का नाम भी लिया जा जाता था, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही अब उनके हाथ भी खुले नजर आ रहे हैं। इसका साथ प्रभाव शहरवासी भी महसूस कर रहे हैं।
अतिक्रमण और ट्रैफिक की मार
शहर का मध्य इलाका सालों से ट्रैफिक और अतिक्रमण की मार झेल रहा है। राजबाड़ा से लेकर सराफा, मारोठिया मार्केट, बोहरा बाजार, सांठा बाजार, आड़ा बाजार, चोर बाजार, बर्तन बाजार, कपड़ा मार्केट, खजूरी बाजार आदि के इलाके में ट्रैफिक जाम की समस्या आम है। इसके पीछे मुख्य कारण अतिक्रमण होना है। इसमें व्यापारी से लेकर फुटकर व्यापारी तक शामिल रहते है। अधिकांश व्यापारी अपनी दुकानों से बाहर निकलकर अपना सामान सडक़ और फुटपाथ पर रखते हैं तो फुटकर व्यापारी भी सडक़ और फुटपाथ कर कब्जा जमाकर अपनी दुकानदारी करते हैं। यह सारे इलाके आज भी शहर के परम्परागत व्यापार के इलाके है और शहर का बड़ा वर्ग यहां पर आकर अपनी खरीदारी करता है। खासकर पश्चिम और मध्य के इलाके लोग आज भी राजवाड़ा व उसके आसपास के क्षेत्र से अपना सामान खरीदना पसंद करता है, इसलिए यहां पर हर दिन महिलाओं और अन्य लोगों की भीड़ उमड़ती है।
सांठा बाजार से लेकर खजूरी बाजार तक
सराफा का इलाका खरीदारी के साथ खाने-पीने के लिए भी पहचाना जाता है। रात में तो यहां पर भीड़ होती ही है लेकिन दिन में भी परम्परागत दुकानों पर आसपास आने वाले लोग खाने-पीने के लिए पहुंचते है। इस कारण भीड़ उमड़ती है। सांठा बाजार और मारोठिया के साथ ही कपड़ा मार्केट की भी यही हालत है। यहां पर वाहन तो छोडि़ए पैदल से निकलना भी मुश्किल होता है। उधर खजूरी बाजार क्षेत्र में भी यही स्थिति है। यह पूरे प्रदेश में स्टेशनरी, किताबें और उससे जुड़ी सामग्री सप्लाई करने वाला मार्केट है। इससे स्थानीय विद्यार्थियों और दुकानदारों के साथ ही पूरे प्रदेश के व्यापारी भी यहां पर आते है। भले ही यहां पर सडक़ चौड़ी हो गई है लेकिन ट्रैफिक की स्थिति जस की तस है।
बदलाव नजर नहीं आया था
पुष्यमित्र भार्गव के महापौर के रूप में काबिज होने के बाद लोगों की उम्मीद थी कि बड़ा बदलाव होगा, लेकिन प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार के तले ऐसा कुछ नजर नहीं आया। महापौर को अपने पूरे तेवर में भी कभी किसी ने नहीं देखा लेकिन मोहन यादव सरकार के आने के बाद वो एक्शन में नजर आ रहे हैं। राजबाड़ा के इलाके में वो खुद सडक़ पर उतरे और व्यापारियों को चेतावनी दी है। हालांकि अभी तक यहां पर कार्रवाई का इंतजार है। देखना है कि यह कोरी चेतावनी ही रहती है कि स्थितियां बदलती है। क्योंकि चेतावनी का कोई बड़ा असर नहीं दिख रहा है।
क्या कार्रवाई कहीं भी हो सकती है
वर्तमान में कार्रवाई चोर बाजार यानी राजबाड़ा से सटे इलाके में हुई है। इसमें ट्रकों से सामान जब्त हुआ है। यह पूरा इलाका वर्ग विशेष के व्यापारियों का है। इसके बाद जवाहर मार्ग पर कार्रवाई के बजाय बंबई बाजार में अंदर के मार्केट में अतिक्रमण हटाया गया है। इसके बाद साफ हो गया है कि कार्रवाई कहीं भी हो सकता है। महापौरजी की गाड़ी मालवा मिल पर फंसी तो यहां पर भी कार्रवाई नजर आई है लेकिन इस क्षेत्र में कभी कोई नेता या अधिकारी कभी भी कैलाशजी या रमेशजी की मर्जी के बिना लगातार कार्रवाई नहीं कर पाया है। इस लिहाज से यहां पर बड़ी कार्रवाई करना मुश्किल है जबकि यहां पर सडक़ और चौराहों पर खुलेआम अतिक्रमण है।
मुख्य सड़कों को क्लीयर करना जरूरी
यह भी देखना होता है कि वर्तमान कार्रवाई चोर बाजार या बंबई बाजार से आगे जाकर राजवाड़ा के अन्य क्षेत्रों और शहर के उन क्षेत्रों में पहुंच पाती है कि नहीं.. जहां पर लोग वास्तव में ट्रैफिक और अतिक्रमण से जूझ रहे हैं। वर्तमान में ज्यादा जरूरत मुख्य सडक़ों को क्लीयर करने की है। जवाहर मार्ग को इसमें टारगेट किया जा सकता है। इसके बाद नए बने खजूरी बाजार का रोड हो या फिर कपड़ा मार्केट या सराफा मार्केट या मालवा मिल का इलाका। इन सभी इलाकों में कार्रवाई अन्य इलाकों के लिए संदेश भी होगा और साथ ही बदले हुए पुष्य सरकार का जलवा भी बढ़ाएगी।