स्वतंत्र समय, इंदौर
2023 को खत्म होने में बस एक दिन ही शेष है। इस साल का शहर के विकास और उससे जुड़े कामों के मद्देनजर लेखा-जोखा किया जाए तो सबसे बड़ी उपलब्धि मेट्रो ट्रेन मानी जाएगी। चुनाव के पहले इसका ट्रायल रन हो चुका है और नए साल यानी 2024 में इसके यात्रियों के साथ चलते हुए पहले फेज में शुरू होने की संभावना है। उधर शहर में चारों ओर फ्लाईओवर का काम चल रहा है। राऊ, खजराना, फूटी कोठी और गोपुर चौराहा के साथ-साथ बायपास सहित 21 स्थानों पर फ्लाईओवर बनाए जाना प्रस्तावित है। अधिकांश स्थानों पर या तो काम शुरू हो चुका है या फिर टेंडर हो चुके हैं। इस लिहाज से 2023 को फ्लाईओवर इंदौर कहना गलत नहीं होगा। 2023 की उपलब्धियों पर नजर डालें तो सबसे बड़ी उपलब्धि मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन होना है। शहरवासियों और खासकर पूर्वी क्षेत्र के कॉर्पोरेट जगत के लिए यह पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बड़ी सौगात नजर आ रही है। हालांकि अभी मेट्रो यात्रियों को लेकर दौड़ी नहीं है लेकिन 6 किलोमीटर के पहले फेज का ट्रायल रन पूरा हो चुका है। जून 2024 तक इसमें यात्रियों का सफर शुरू होने की उम्मीद है।
7500 करोड़ की मेट्रो का पहला फेज
अभी शहर में 300-300 यात्रियों की क्षमता वाले मेट्रो के तीन कोच आ चुके है। शहर में ऐसी 25 मेट्रो ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिसमें करीब 7 लाख लोग सफर कर सकेंगे। 30 सितंबर को मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन किया गया। जून 2024 तक रेडिसन चौराहे तक का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसमें आम लोग सफर कर सकेंगे। इंदौर में 31.55 किलोमीटर लंबे रूट पर मेट्रो ट्रेन प्रस्तावित है, जिस पर 7500.80 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है। मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 20 प्रतिशत राशि केंद्र द्वारा प्रदान की जा रही है वहीं 20 प्रतिशत राशि राज्य सरकार खर्च कर रही है। बाकी शेष 60 प्रतिशत राशि लोन के माध्यम से जुटाई जा रही है।
21 फ्लाई ओवर का लक्ष्य
2023 में ही इंदौर के यातायात को सुगम और सिग्नल रहित बनाने के लिए शहर में 21 फ्लाईओवर का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से अधिकांश पर काम शुरू कर दिया गया है। रेलवे लाइन, बायपास और शहर के प्रमुख चौराहों पर इसका निर्माण होगा। वर्तमान में आईडीए पांच फ्लाईओवर का निर्माण प्रमुख चौराहा पर कर रहा है। एनएचएआई बायपास पर राऊ चौराहे पर फ्लाईओवर का निर्माण कर रहा है। बायपास पर चार अन्य स्थानों पर फ्लाईओवर के लिए मिट्टी परीक्षण शुरू हो चुका है।
खजराना से लेकर फूटी कोठी तक
आने वाले दो सालों में शहर में यातायात की सूरत बदल जाएगी, क्योंकि शहर में प्रमुख चौराहों पर फ्लाईओवर बनाए जाना है। खजराना, लवकुश चौराहा, फूटी कोठी चौराहा और भंवरकुआं चौराहा पर फ्लाईओवर का काम तेजी से जारी है। संभावना है कि यह काम 2024 तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद यहां पर ट्रैफिक और भी सुगम हो सकेगा। चार प्रमुख चौराहों पर फ्लाईओवर बनाने का काम तेज गति से जारी है। इसके अलावा अन्य चौराहों पर जल्दी फ्लाईओवर के लिए कार्य शुरू होगा। इसमें रेलवे लाइन पर पांच नए ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। साथ ही बायपास पर भी पांच फ्लाईओवर का काम प्रारंभ होने जा रहा है। शहर में केंद्र सरकार की भारतमाला योजना के अंतर्गत भी चार फ्लाईओवर बन रहे हैं।
देवास नाका से लेकर आईटी पार्क तक
वहीं देवास नाका चौराहा पर 74.49 करोड़ रुपये, सत्यसांई चौराहा पर 62.45 करोड रुपए, मूसाखेडी चौराहा पर 67.02 करोड रुपये और आई.टी. पार्क चौराहा पर 63.33 करोड रुपए लागत से सिक्स लेन फ्लाईओवर बनेंगें। इसके साथ ही रेती मंडी चौराहा पर भी फ्लाईओवर बनाना प्रस्तावित है। इस प्रकार 270 करोड़ रुपए की लागत के पांच ब्रिज के टेंडर स्वीकृत हो चुके हैं।
सात ओवरब्रिज आईडीए के
आईडीए भी सात ओवरब्रिज बना रहा है यानी कुल 21 फ्लाईओवर तथा ओवरब्रिज और बनने वाले हैं। जल्द ही रेलवे पर पांच नए ओवरब्रिज बनेंगे। पूरे इंदौर शहर में रेलवे पटरी के कारण यातायात को रुकने की जरूरत नहीं होगी। इससे आने वाले कुछ सालों में इंदौर की ट्रैफिक समस्या का समाधान हो जाएगा। इंदौर के चारों तरफ 108 किलोमीटर के क्षेत्रफल में बनेगा। इससे बाहर से आने वाले वाहन बिना शहर में प्रवेश किए अन्य शहरों की तरफ रवाना हो जाएंगे। इससे मैं यातायात के दबाव में कमी आएगी।