स्वतंत्र समय, जयपुर
शनिवार को राजस्थान में राज्यपाल द्वारा 22 मंत्रियों को शपथ दिलवाकर नवयुक्त मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। मंत्रिमंडल में अधिकतर नए चेहरे तो देखने को मिले ही लेकिन इन 22 चेहरों में एक ऐसा चेहरा भी है जो भले ही पुराना हो लेकिन वो अभी तक चुनाव जीता भी नहीं है।
हम बात कर रहे है श्रीकरणपुर सीट से भाजपा के प्रत्याशी सुरेंद्र पाल टीटी के बारे में जिन्हें भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनाया गया है। बता दे कि श्रीकरणपुर सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर की मौत होने के बाद वहां चुनाव रद्द कर दिए गए थे और आगामी 5 जनवरी को उपचुनाव होने वाले है और उसका परिणाम 8 जनवरी को आएगा। देश में ये पहला मामला है जब चलते चुनाव के बीच में किसी प्रत्याशी को मंत्री बनाया गया हैं। भाजपा के इस फैसले से ये साफ़ समझ आ जाता है की वो किस तरह सरकार बन जाने के बाद भी हर एक विधानसभा सीट को जीतने के लिए कितनी गंभीरता दिखाती है।
कौन है सुरेंद्र पाल सिंह टीटी
श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह 1994 में राजस्थान वेयरहाउसिंग के अध्यक्ष ( कैबिनेट मंत्री दर्जा) रह चुके है। वें इससे पहले वसुंद्रा राजे सरकार में 2003 से 2008 तक कृषि मंत्री और 2013 से 2018 तक पेट्रोलियम मंत्री रह चुके है। हालांकि 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी गुरमीत सिंह कूनर ने 28 हज़ार से भी ज्यादा वोट से हरा दिया था लेकिन फिर भी भाजपा के एक बार फिर उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें एक बार फिर श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है।
22 में से 17 पहली बार बनाए गए हैं मंत्री
शनिवार को हुए भजनलाल शर्मा सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में 12 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 5 राज्य मंत्री मिलकर कुल 22 मंत्रियों ने गोपनीयता और पद की शपथ ली। इनमें से 17 मंत्रियों ने पहली बार मंत्री पद की शपथ ली। 12 में से 9 कैबिनेट मंत्रियों, 5 में से 4 राज्य मंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) और 5 से 4 राज्य मंत्रियों ने पहली बार मंत्री पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों को मिलाकर अब राजस्थान सरकार में मंत्रियो की संख्या 25 हो गई है जिनमें से 20 पहली बार मंत्री बने है। सामाजिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो मंत्रिमंडल में सबसे अधिक जाट समुदाय से आने वाले 4 विधायकों को मंत्री बनाया गया है।