स्वतंत्र समय, इंदौर
इस समय देश-भर में राम भक्तों की नजरें 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा पर है। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की निकासी का भी पुख्ता प्लान तैयार किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं की बड़ी तादाद में आवाजाही के मद्देनजर अप्रिय स्थिति नहीं बने। इसके लिए भीड़ के रोटेशन का प्लान बनाया गया है। वापसी मार्ग में श्रद्धालुओं को छह मंदिरों के दर्शन भी कराए जाएंगे। बताया जा रहा है कि इस समय तैयारियां अपने उत्कर्ष पर हैं। साथ ही रामलला भक्तों के लिए आगमन के साथ ही निकासी का भी प्लान बनाया जा रहा है। राम भक्त दक्षिणी द्वार से मंदिर परिसर के बाहर निकलेंगे।
800 मीटर का परिक्रमा पथ
ईस्टर्न गेट के प्लाजा में परकोटे के परिक्रमा पथ करीब आठ सौ मीटर का है। इसका चक्कर लगाते हुए राम भक्त आगे बढ़ेंगे और दोबारा टनल में उतरकर निकास द्वार यानी बाहर की ओर जाएंगे। इस दौरान परकोटे में श्रद्धालुओं को निर्माणाधीन छह मंदिरों के दर्शन भी होंगे। इसमें क्रमश: सूर्य, हनुमानजी, शिव, दुर्गा माता, अन्नपूर्णा व विनायक के दर्शन होंगे।
भीड़ के दबाव को करेंगे कम
श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के पदेन न्यासी व भवन निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने कहा कि परकोटे बहुआयामी बनाए गए हैं। इसका मकसद यह है कि एक स्थान पर भीड़ जमा नहीं हो। साथ ही निकासी के समय भीड़ के रोटेशन कर बाहर करने का प्लान है। इसकी मुख्य वजह यह है कि श्रद्धालुओं का दबाव बढऩे पर कोई अप्रिय स्थिति नहीं बने।
श्रमिकों की तादाद बढ़ाकर समय पर पूरा करें निर्माण
अयोध्या में इस समय कई निर्माण कार्य परिसर में चल रहे हैं। इस दौरान भवन निर्माण समिति की बैठक हुई, जिसमें निर्माण की डेडलाइन आगे बढ़ाने से मना कर दिया गया। वहीं निर्देश दिए गए हैं कि तय कामों को पूरा करने के लिए संसाधन बढ़ाए जाएं। इस काम के लिए श्रमिकों की संख्या बढ़ाई जाए।
सूची के आधार पर काम
बताया जा रहा है कि मंदिर के निर्माण कार्यों के लिए सूची बनाई गई थी। इसमें प्रथम चरण की सूची के आधार पर काम किए गए। इसके बाद दूसरे और तीसरे चरण की सूची बनाई गई और इसके अनुरूप कामकाज पूरे किए जा रहे हैं।