स्वतंत्र समय, इंदौर
2023 का अंत हो चुका है, लेकिन यह बीमारियों और प्रकोप को नए साल 2024 के लिए छोड़ गया है। 2023 के मध्य का आगाज वायरल बुखार, सर्दी व खांसी के साथ हुआ था। थोड़े दिनों के बाद ही डेंगू ने भी अपना असर दिखाना शुरू किया। कई मौतें भी इससे देखी गई। साल के अंतिम महीने में कोरोना की शुरुआत हो चुकी है। तीनों ही मामलों में बीमारी के लक्षण एक समान ही नजर आते है। इस कारण मरीज के सामने नई मुसीबत है। बेहतर है कि एक्सपर्ट डॉक्टर और जांचों के बाद ही अपनी बीमारी को तय होने दें अन्यथा समस्या बढ़ सकती है। साल के अंतिम दिन यानी 31 दिसंबर को भी दो पॉजिटिव मरीज सामने आए और इसी के साथ एक्टिव मरीजों की तादाद 9 हो गई। जैसे ही बरसात की शुरुआत हुई थी उसके बाद शहर में वायरल बुखार का प्रकोप शुरू हुआ था। बच्चों से लेकर बड़ों तक में सामान्य बुखार के साथ ही तेज बुखार के लक्षण देखने में आए थे। सर्दी और खांसी ने भी बुखार के साथ लोगों पर कहर बरपाया था। सैकड़ों नहीं हजारों लोग वायरल की चपेट में आए थे। सामान्यत: वायरल का बुखार और सर्दी-खांसी तीन-चार दिन में ठीक हो जाती है लेकिन इस बार इसने एक से लेकर दो हफ्ते तक का समय ठीक होने में लगाया। इस कारण काफी लोग परेशान रहे।
अगस्त से मिल रहे डेंगू के मरीज
वायरल के साथ ही डेंगू का प्रकोप भी शुरू हो गया। पिछले साल अगस्त से लेकर नवंबर माह तक शहर में डेंगू बुखार के बड़ी संख्या में मरीज मिल रहे थे, मगर दिसम्बर माह आते-आते डेंगू बुखार के मरीजों की संख्या बड़ी तेजी से घट गई। यह 10 संख्या तक सिमट गई। वायरल के खत्म होने के बाद डेंगू ने साल 2023 में डेंगू के 5082 मरीजों की जांच हुई, जिनमें से साल भर में 458 डेंगू बुखार के पीडि़त निकले। हालांकि यह सारे आंकड़े सरकारी हैं और मरीजों की संख्या भी सैकड़ों में रही है।
दिसंबर में मात्र 10 ही मरीज
साल के आखिरी महीने यानी दिसंबर में सिर्फ 3 दिन ही डेंगू के मरीज मिले हैं, जिनकी संख्या 10 है। मलेरिया विभाग ने पिछले साल 71 हजार 310 जगह लार्वा का सर्वे कराया, जिसमें 1655 स्थानों पर लार्वा मिला। 5082 संदिग्ध मरीजों की जांच की गई, जिनमें 458 मरीजों की डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव है। दिसंबर 2023 में डेंगू बुखार के 8 तारीख को 5 मरीज, 11 दिसम्बर को 3 और 18 दिसम्बर को 2 मरीज मिले हैं। साल 2023 में जनवरी माह में 1, फरवरी में 16, मार्च में 2, अप्रैल में 3, मई में 2, जून में 4, जुलाई में 16, अगस्त में 43, सितम्बर में 136, अक्टूबर में 159, नवम्बर में 66, दिसंबर में 10 डेंगू पीडि़त सामने आए।
अब तक 13 मरीज, 9 एक्टिव
उधर जैसे ही डेंगू का प्रकोप कम हुआ तो उसके साथ ही कोरोना का प्रकोप शुरू हो गया। इस साल अब तक 9 एक्टिव मरीज हैं। साल के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर को कोरोना के 2 और नए मरीज मिले। 4 मरीज होम आइसोलेशन मतलब घर पर इलाज करा कर पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। दिसम्बर माह में 31 तारीख तक कोरोना के 13 मरीज सामने आ चुके हैं।
वैक्सीन लगे होने के बावजूद कोरोना
अंतिम दिन मिले दो मरीजों में एक मरीज की उम्र 20 और दूसरे की उम्र लगभग 75 साल है। इन दोनों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद दोनों को होम आइसोलेशन कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि अभी तक कोरोना के पॉजिटिव 13 मरीज मिले हैं उनमें से 4 मरीज घर पर ही इलाज कराने बाद 5 से 7 दिन में स्वस्थ हो चुके हैं। खास बात यह है कि दोनों मरीज पिछले कोरोना काल में वैक्सीन लगवा चुके हैं। इसके बावजूद यह कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। डॉक्टर्स का कहना है वैक्सीन का सीधा संबंध टीका लगवाने वाले व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से हैं। वैक्सीन के बाद जैसे-जैसे समय बढ़ता जाता है, वैक्सीन का असर कमजोर पडऩे लगता है।