स्वतंत्र समय, भोपाल
राजधानी में अमृत 2.0 योजना से नए साल में 24 घंटे जलापूर्ति की राह आसान होगी। शुरुआत में शक्ति नगर और गौतम नगर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 24 घंटे हर घर जल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। प्रयोग सफल रहा तो इसे पूरे शहर में लागू किया जाएगा।नगर निगम में जलकार्य शाखा के अधिकारियों ने दोनों कालोनियों में 24 घंटे जलापूर्ति की सुविधा मुहैया कराने के लिए डीपीआर बना ली है।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा इस प्रोजेक्ट को स्वीकृत भी मिल गई है। जल्द ही यहां नई पाइप लाइन बिछाने, ओव्हर हेड टैंक निर्माण और घरों में मीटर लगाने के साथ अन्य सेवाओं के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। प्रदेश में अब तक किसी भी शहर में 24 घंटे जलापूर्ति की सुविधा नहीं है। शक्ति नगर और गौतम नगर प्रदेश में पहली कालोनी होगी, जहां नगर निगम 24 घंटे जलापूर्ति की सुविधा देगा। अभी इसके लिए पुरानी पाइप लाइनों को भी बदलना होगा और पर्याप्त जलप्रदाय के लिए नए ओवरहेड टैंक बनाने होंगे।
चार करोड़ रुपये आएगी लागत
नगर निगम दोनों कालोनियों में 24 घंटे जलप्रदाय शुरू करने में चार करोड़ रुपये खर्च करेगा। इसमें 12.5 किलोमीटर नई डिस्ट्रिब्यूशन एवं 2.5 किलोमीटर फीडर लाइन बिछाई जाएगी। इसके साथ ही शक्ति नगर में दो हजार किलो लीटर क्षमता का ओवरहेड टैंक भी बनाया जाएगा।
खर्च के हिसाब से होगी वसूली: नर्मदा जल प्रदाय शुरू करने के साथ ही खर्च के हिसाब से वसूली का दावा किया गया था। हालांकि अब शक्ति नगर और गौतम नगर में फिर से खर्च के हिसाब से पानी के बिल की वसूली करने के लिए पांच हजार से अधिक घरों में मीटर लगाए जाएंगे।
स्काडा सिस्टम से होगी निगरानी
जलप्रदाय के दौरान पानी की बर्बादी रोकने के लिए ओवरहेड टैंक व अन्य स्थानों पर स्काडा सिस्टम लगाया जाएगा। जिसके बाद सेंट्रल कंट्रोल रुम से जल प्रदाय की रियल टाइम मानीटरिंग की जा सकेगी। ओवरहेड टैंक भरते ही अलार्म बजेगा और पानी का वाल्ब अपने आप बंद हो जाएगा।
पानी स्टोर करने से मिलेगी मुक्ति
जिन क्षेत्रों में 24 घंटे पानी की सप्लाई होगी, वहां विशेष पेयजल लाइनों का इस्तेमाल होगा।उनमें रिसाव की समस्या नहीं होगी और पानी स्वच्छ मिलेगा। 24 घंटे जल प्रदाय के लिए लाइनों में प्रेशर से पानी भरा जाएगा। इस वजह से घरों में हौज की उपयोगिता खत्म हो जाएगी। पानी की बचत होगी। जितनी मात्रा में पानी की जरूरत होगी, उतनी ही नल से आपूर्ति होगी। अभी शहरवासी हौज में पानी संग्रहित करके रखते हैं।