स्वतंत्र समय, बरेली
नगर का हाट बाजार लगता है। परंतु सुबह से जिस प्रकार बारिश, शीत प्रकोप का माहौल बना रहा। दिन भर अनेक बार रिमझिम बारिश हुई, उससे नगर के बाजारो में बहुत कम ग्राहकी की स्थिति बनी रही। गुरूवार को हाट बाजार में खरीददारी करने ग्रामीण क्षैत्र से भारी संख्या में ग्रामीणों का जरूरी सामान खरीदने आना होता है। सुबह से बारिश कोहरा और शीत के भारी प्रकोप के कारण ग्रामीण हो या नगरवासी अपने घरो में दुबके रह कर मौसम साफ होने का इंतजार करते रहे। इसी कारण हाट बाजार में अच्छी ग्राहकी के इंतजार में दुकानदारों को ग्राहकी न होने से निराशा बनी रही।
शीत का प्रकोप, कांप रहे लोग
दिसम्बर, जनवरी में सबसे अधिक ठंड पडती है। परंतु कोहरा, बारिश नहीं होती। वर्तमान समय में नगर एवं क्षैत्र के निवासी तीन प्राकृतिक परेशानियों का सामना एक साथ कर रहे है। कोहरे का व्यापक असर बना हुआ है। शीत के प्रकोप को बारिश न और अधिक बढा दिया है। जिससे संपूर्ण नर्मदांचल में कडाके की ठंड सर्दी से ढुढरन बढ गई है। जैसे ही आसमान से बादलों का डेरा हटेगा शीत का ओर अधिक प्रकोप होने की संभावना है।
सडक़ो पर फैला कीचड़
संपूर्ण क्षैत्र में कही धीमी कही रिमझिम बेमौसम बारिश ने शीत प्रकोप बढाने के साथ परेशानियां भी बढा दी है। बारिश शीत के प्रकोप में जरा सी असावधानी बीमार होने का कारण बन रही है। नगर एवं क्षैत्र की प्रमुख सडक़ो पर रिमझिम बारिश से फिसलन वाली कीचड बढ़ गई है। क्षैत्र के निवासियों को 2 दिनों से सूर्य भगवान के दर्शन दुर्लभ बने हुए है। बारिश, कोहरे और शीत के एक साथ अटैक से वाहन चालकों एवं यात्रा करने वालों की परेशानियां बढा दी है।
24 घंटों में रूक-रूक कर बारिश
कोहरा छाने के साथ बारिश हुई। गुरूवार की सुबह कोहरे ने नगर एवं क्षैत्र को अपने आगोश में बनाये रखा, इसी के साथ दिन भर रूक-रूक कर कभी रिमझिम कभी तेज बारिश से तापमान में भारी गिरावट आने के साथ शीत का प्रकोप ओर बढ गया। मकर संक्रांति के आसपास इस प्रकार मौसम में बदलाव बारिश, शीत का प्रकोप हुआ करता था। इस वर्ष 10 दिनों पूर्व बदले मौसम की क्षैत्र के निवासी परेशानी झेलते नजर आए। गुरूवार का दिन सबसे अधिक सर्द ढिढुरन वाला रहा। बुधवार को दिन भर घने बादलों का डेरा आसपास में बना रहा। अचानक बदले मौसम और बादलों के कारण रात्रि में रूक-रूक कर बडी बूंदो की बारिश हुई। सुबह-सुबह पूरा नगर एवं क्षैत्र घने कोहरे के आगोश में बना रहा। 100 मीटर दूर का बमुश्किल दिखलाई देने की स्थिति 8-9 बजे तक बनी रही। इसी के साथ रूक-रूक कर रिमझिम बारिश का भी दौर चलता रहा। अनेक बार ऐसा लगा कि अब जोरदार बारिश हो सकती है।
फसलों को लाभ
पिछले महिने ही क्षैत्र के किसान गेंहू, चना की बोवनी से फुरसत में हुए थे, कि एक साथ तीन प्राकृतिक प्रकोप की मार शुरू हो गई। अत्याधिक ठंड और हुई बारिश से कृषि फसलों को लाभ की स्थिति रही। वही घने कोहरे के कारण पेड पौधो, सब्जी की फसलों पर आए फूल के नुकसान से हरी सब्जियों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। आसमान में बादलो का डेरा – बुधवार से बना बादलों का डेरा गुरूवार को भी बना रहा। जिस अधिक सघनता वाले बादल आसमान में छाये है, उससे बारिश की संभावना बनी हुई है। दिन एवं रात के तापमान में आई गिरावट के कारण 24 घंटो गर्म कपडो का उपयोग करने के बाद ठंड के प्रकोप से बचना कठिन हो रहा है।