स्वतंत्र समय, भोपाल
मध्य प्रदेश में अधिकारियों के स्थानांतरण को लेकर सियासत जारी है। अब डिंडौरी जिले के नए एसपी को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सीएम मोहन यादव से मांग की कि अखिल पटेल मेरे रिश्तेदार है, उनका आदेश निरस्त कर लूप लाइन में रखे। उमंग सिंघार ने नेता प्रतिपक्ष के बहनोई को बनाया एसपी हेडिंग से प्रकाशित खबर को अपनी सोशल मीडिया पोस्ट पर लगाते हुए उसे लाल रंग के पेन से क्रास किया है, यानी एक तरह से गलत बताया है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि माननीय मुख्यमंत्री ञ्चष्टरूरूड्डस्रद्ध4ड्डक्कह्म्ड्डस्रद्गह्यद्ध जी, नवनियुक्त डिंडोरी पुलिस अधीक्षक मेरे रिश्तेदार हैं शायद यह जानकारी आपको भी नहीं होगी लेकिन मीडिया में आयी खबरों से लग रहा है कि हाल ही में हुए इस स्थानांतरण आदेश का कुछ गलत अर्थ निकाला जा रहा है, कौन अधिकारी कहां पदस्थ हो यह आपका विवेकाधीन अधिकार है, परंतु मेरा निवेदन है कि यह आदेश निरस्त कर उन्हें पुलिस मुख्यालय लूप-लाइन में ही रखा जाये, ताकि प्रदेश की जनता के सामने भ्रम की स्थिति ना रहे एवं एक जि़म्मेदार पुलिस अधिकारी की छवि भी खऱाब ना हो। उन्होंने आगे लिखा कि साथ ही मीडिया को भी एहसास रहे कि इस तरह की भ्रमित करने वाली टेबल या मैनेज न्यूज ना बनाई जाएं।
सलूजा ने उमंग के ट्वीट को बताया बचकाना
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने उमंग सिंघार के सोशल मीडिया पोस्ट पर रिट्वीट करते हुए लिखा है कि नेता प्रतिपक्ष जी, आपका पद बड़ा व जि़म्मेदारी से भरा हुआ है… लेकिन आपके बयान व ट्वीट लगातार बचकाना व ग़ैरजि़म्मेदारी भरे सामने आ रहे है… अब आप लिख रहे है कि डिंडोरी एसपी आपके रिश्तेदार है और उन्हें लूप लाइन में रखने का सरकार आदेश निकाले…
अब कोई भी अधिकारी अपनी योग्यता व कर्तव्य पालन की क्षमता के हिसाब से , कहा और कब तक पदस्थ रहे , यह तय होता है…ना कि किसी की रिश्तेदारी के हिसाब से अब यदि डिंडोरी एसपी आपके रिश्तेदार है तो आपको यह अधिकार उन्होंने दे दिया है कि आप यह तय करें कि वो कहाँ पदस्थ रहे…? उनका फ़ैसला आप किस अधिकार से ले रहे हैं…. आपका यह बयान बेहद बचकाना व हास्यादपद है…।
शिवराज सरकार में भी एसपी रहे हैं अखिल पटेल
मोहन सरकार में हुए तबादलों में उमंग सिंघार के बहनोई अखिल पटेल को डिंडोरी एसपी बनाया गया है। हालांकि, इससे पहले यानि शिवराज सरकार में अखिल पटेल अनूपपुर एसपी रहे हैं। जानकारों के हिसाब से मोहन सरकार में यह पहली पोस्टिंग है, जिसमें किसी नेता के रिश्तेदार को एसपी-कलेक्टर बनाया गया है।