स्वतंत्र समय, सागर
डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के कुलपति सम्मेलन कक्ष में विश्वविद्यालय के संस्थापक पितृपुरूष डॉ. सर हरीसिंह गौर को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किये जाने विषयक एक बैठक कुलपति प्रो.नीलिमा गुप्ता की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक का उद्देश्य डॉ.सर हरीसिंह गौर को भारत रत्न प्रदान किये जाने की दिशा में किये गये कार्यों की समीक्षा एवं आगामी रूपरेखा तैयार कर नवीन प्रस्ताव भारत सरकार की ओर प्रेषित किये जाना था। बैठक के प्रारंभ में प्रो. संजय जैन ने भारत रत्न प्रदान किये जाने हेतु गठित समिति की पूर्व बैठकों एवं इस दिशा में किये गये कार्यो पर प्रकाश डाला एवं अपने विचार रखे। बैठक में कुलपति ने डा.सर हरीसिंह गौर को नमन करते हुये विश्वविद्यालय द्वारा डॉ. गौर की स्मृतियों को अक्षुण्य बनाये रखने हेतु गौर पीठ की स्थापना की जानकारी देते हुये कहा कि शीघ्र ही गौर हैरीटेज सेंटर विश्वविद्यालय में प्रारंभ हो रहा है। इसके लिये औपचारिकतायें पूर्ण कर ली गई हैं। बजट प्राप्त होते ही नवीन भवन के निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डॉ. गौर को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न क्यों मिलना चाहिये, डॉ.गौर क्यों इस सम्मान के हकदार हैं, इसके लिये डॉ.गौर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के साथ-साथ उनका सामाजिक सरोकार, प्रतिबद्धता, सामाजिक उत्थान के प्रति उनकी विचारशीलता, स्त्री शिक्षा एवं सम्मान के लिये उनके प्रयास एवं इस दिशा में किये गये कार्यों, गैर बराबरी को दूर करने के लिये लाये गये विधि के प्रावधानों और शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण शाख को तत्समय भारत के इस सुदूर स्थित सागर जैसे कस्बे में विश्वविद्यालय को खोलना जिससे अंतिम पंक्ति का व्यक्ति भी उच्च शिक्षा के अपने स्वप्न को साकार कर सके, को रेखांकित करते हुये अवगत कराया जाये। जिससे लम्बे समय से डॉ.गौर को भारत रत्न प्रदान किये जाने के लिये की जा रही मांग साकार हो सके। बैठक में समाजवादी चिन्तक रघु ठाकुर ने भारत रत्न के लिये विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुये अपने महत्वपूर्ण सुझाव रखे। बैठक में भारत रत्न के लिये समन्वित प्रयास के साथ साथ डॉ. गौर के द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्यों को रेखांकित करते हुये एक नवीन प्रस्ताव शीघ्रातिशीघ्र तैयार किये जाने के साथ ही एक प्रतिनिधि मंडल के गठन पर भी सहमती बनी। यह समिति गृहमंत्री, भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री से भेंट कर डॉ. गौर को भारत रत्न का सर्वोच्च सम्मान प्रदान किये जाने का प्रस्ताव की प्रति सौंपेगी।