स्वतंत्र समय, छतरपुर
छतरपुर जिले के नौगांव में चल रही कॉक्स डिसलरी शराब फैक्ट्री के प्रदूषण से पानी दूषित हो रहा है दूषित पानी पीने से पशु, पक्षियों की मौत हो रही है। इतना ही नहीं वहां के किसान भी खासे परेशान नजर आ रहे है। किसानों का कहना है कि कॉक्स डिसलरी मालिक जगदीश अग्रवाल नियम और कानून को ताक पर रखकर शराब फैक्ट्री चला रहा है।
फैक्ट्री मालिक की शिकायत करने के बाद भी विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती। न ही विभाग के अधिकारी यहां जांच करने आते है। एक जानकारी के मुताबिक प्रदूषण बोर्ड के द्वारा विगत 10 सालों से फैक्ट्री के प्रदूषण की जांच तक नहीं की गई लेकिन एनओसी फैक्ट्री मालिक को हर साल दे दी जाती है। जिससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारी भी फैक्ट्री मालिक पर कार्यवाही करना ही नहीं चाहते। नियम कानून ताक पर रखकर चल रही शराफ फैक्ट्री पर छतरपुर कलेक्टर के द्वारा भी कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। पूरा विभाग का विभाग इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के द्वारा किसानों की बात सुनी जा रही है और अभी हाल ही में किसानों पर भडकने वाले अधिकारियों की भी मुख्यमंत्री ने छुट्टी कर दी लेकिन न जाने क्यों हम छतरपुर के किसानों की सीएम तक बात क्यों नहीं पहुंच पा रही। किसानों ने कहा कि यहां के अधिकारियों से तो उन्हें कार्यवाही की उम्मीद तक नहीं। अब मुख्यमंत्री मोहन यादव से ही उन्हें आस है कि वह छतरपुर जिले के ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की छुट्टी कर शराब फैक्ट्री मालिक पर कार्यवाही करा सकते है। दूषित पानी पीकर मर चुके इन जानवरों और पक्षियों की तस्वीरे देखकर आप खुद अंदाजा लगा सकते है कि वहां फैक्ट्री के आसपास क्या आलम होगा। किसानों ने छतरपुर जिले के कलेक्टर और एसपी से कॉक्स डिसलरी मालिक जगदीश अग्रवाल पर कार्यवाही करने की मांग की। गौरतलब है कि विगत दिनों नौगांव में स्थित शराब फैक्ट्री जैकपिन ब ेबरीज कॉक्स डिस्लरी में दो मजदूरों की मौत हो चुकी है और तीन मजदूरों की जैसे तैसे जान बच सकी।
मौके पर पहुंची पुलिस दरवाजे तोडक़र कमरे में दाखिल हुई, जहां एक मजदूर बाथरूम में, एक आगे के कमरे में तथा तीन मजदूर अंदर बिस्तर पर अचेत अवस्था में पड़े हुए थे। पांचों मजदूरों को तत्काल नौगांव स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। परीक्षण के बाद अस्पताल के चिकित्सकों ने ठेकेदार पवन कुमार निवासी खरोनी जिला गोपालगंज बिहार व मजदूर प्रकाश की मौत हो गई थी।
वहीं मजदूर धीरेंद्र कुमार, नितिन और बृजेश सभी निवासी गोपालगंज बिहार की डाक्टर्स के इलाज के बाद जान बच सकी। लेकिन इस मामले में पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की। इस मामले में ऐसा लगता है जैसे पूरा सिस्टम ही शराब फैक्ट्री मालिक को बचाने में लग गया हो।