नई सड़क पर 6 हजार वर्गफीट बेशकीमती जमीन फिर से सरकारी, सीलिंग की जमीन पर रोका कब्जा

स्वतंत्र समय, ग्वालियर

सर्वोच्च न्यायालय ने नईसडक़ लश्कर क्षेत्र में स्थित लगभग 6 हजार वर्गफीट बेशकीमती जमीन को शासकीय माना है। विचाराधीन एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) में सर्वोच्च न्यायालय ने शासन हित में फैसला सुनाया है। साथ ही इस जमीन के अतिक्रामक पर 25 हजार रूपए का जुर्माना भी अधिरोपित किया है। नईसडक़ क्षेत्र के अंतर्गत नकाशा नं-2 गली में स्थित शासकीय रामानुज मंदिर से जुड़ी इस जमीन का बाजार मूल्य लगभग 6 करोड़ रूपए आंका गया है। जिला प्रशासन द्वारा पुख्ता तथ्यों के साथ प्रस्तुत किए गए जवाब-दावा एवं मजबूत पैरवी की बदौलत शासन हित में फैसला आया है।
कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने न्यायालयों में विचाराधीन सरकारी जमीन संबंधी अन्य सभी मामलों में भी पुख्ता तथ्यों के साथ जवाब-दावा प्रस्तुत करने के निर्देश जिले के सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने साफ किया है कि यदि तथ्यों के अभाव में शासन हित प्रभावित हुआ तो संबंधित राजस्व अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लश्कर विनोद सिंह ने बताया कि नईसडक़ क्षेत्र में शासकीय रामानुज मंदिर से जुड़ी सर्वे क्रमांक–156 रकबा 5 हजार 939 वर्गफीट नजूल आबादी की जमीन पर सुशीला कछावा ने अतिक्रमण कर लिया था। सिविल न्यायालय में चले इस प्रकरण में शासन की जीत हुई थी। पर उच्च न्यायालय ने सुशीला कछावा के पक्ष में फैसला दिया था। इसके बाद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लश्कर द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका लगाकर तथ्यों के साथ जवाब-दावा प्रस्तुत किया गया। सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रकरण में शासन की ओर से प्रस्तुत किए गए तथ्यों व साक्ष्यों को सही मानकर शासन हित में फैसला सुनाया है। इस फैसले से लगभग 6 करोड़ रूपए बाजार मूल्य की यह जमीन फिर से सरकारी हो गई है।

सीलिंग की जमीन पर खोदे जा रहे थे गड्ढे

लगभग एक बीघा बेशकीमती सीलिंग जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश को जिला प्रशासन ने रोक लिया। ग्वालियर शहर की सीमा के भीतर ग्राम मऊ में मुख्य मार्ग के समीप यह जमीन स्थित है। जिसका बाजार मूल्य लगभग 2 करोड़ रूपए है। ग्वालियर शहर के ग्राम मऊ के अंतर्गत खसरा नम्बर 586 और 587 की एक बीघा जमीन पर पूर्व भूमि स्वामी द्वारा फिर से अवैध रूप से गढ्ढे कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था। यह सूचना मिलने पर तत्काल राजस्व अधिकारियों की टीम मौके पर भेजी गई व काम रूकवाया।