जानें अयोध्या के चरित्रवान युवक का रहस्यमय बचपन

Know the Childhood of Bhagwan Ram: रामायण, वाल्मीकि ऋषि द्वारा रचित, एक महाकाव्य है जो भारतीय साहित्य का अद्म पुरुष माना जाता है। इसमें राम की कई कहानियाँ हैं, जो धर्म, मोक्ष, और नैतिकता के सिद्धांतों को सुनिश्चित करने का प्रयास करती हैं। रामायण का पहला काण्ड “बालकाण्ड” है, जो भगवान राम के बचपन की कहानी का विवरण करता है।

राम का जन्म अयोध्या नगरी में हुआ था, जो राजा दशरथ के शासनक्षेत्र में स्थित थी। दशरथ के चार पुत्रों में से एक राम एक आदर्श और श्रीमान युवक थे। उनका नाम सुनते ही सभी लोग उनकी अद्वितीयता और आदर्शता की प्रशंसा करते थे।

राम का बचपन अत्यंत प्रेम भरा था। वह अपने माता-पिता के प्रति विशेष आदर भाव रखते थे और उनकी सीखों का पालन करते थे। राम की माता का नाम कौशल्या था, और पिताजी का नाम राजा दशरथ था।

बालकाण्ड में, राम का विवाह सीता के साथ हुआ था। सीता, मिथिला नामक स्थान से आई थी, और उनका स्वयंवर हुआ था, जिसमें राम ने धनुष धारण करके शिव धनुष को तोड़ा और सीता को प्राप्त किया। इसके बाद, राम ने सीता के साथ संयम और श्रीमान के रूप में अपने बचपन का कार्य किया।

राम का बचपन उनकी लीलाओं, गुणों और शिक्षाओं से भरा हुआ था। उन्होंने अपने पिताजी के आदर्श राजा बनने के लिए तत्परता से सीखा और अपनी पत्नी सीता के साथ एक समृद्धि और सुखद जीवन बिताने का संकल्प किया।

बालकाण्ड में राम का बचपन अद्भुत घटनाओं से भरा हुआ है, जो उनकी अद्वितीय प्राकृतिक और आध्यात्मिक विकास की दिशा में हैं। यह काण्ड रामायण का आधार स्थापित करता है और राम के बचपन की अद्भुतता को समर्पित करता है।