indore की आधी आबादी बीमार ! इंदौर में दुनिया का सबसे बड़ा प्रिवेंटिव हेल्थ केयर सर्वेक्षण | ‘हेल्थ ऑफ इंदौर’ नाम के लाइफ स्टाइल डिसीज सर्वे में 1 लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए, नतीजे इंदौर के लिए चिंताजनक एवं चौंकाने वाले
इंदौर- indore देश के सबसे स्वच्छतम शहर इंदौर की आधी आबादी बीमार है। है, न चौकाने वाली खबर। यदि शहर में हुए एक सर्वे पर भरोसा करें तो ये सोलह आने सच है। दूसरा सैंपल सर्वे और उसकी डिटेल के बाद ही इसके असली मायने समझ आएंगे। इस रिपोर्ट के हिसाब से इंदौर को अब स्वस्थ इंदौर बनाने के लिए बड़ा अभियान चलाने की आवश्यकता है। ने indore शहर में लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का सर्वे हुआ है और इसके नतीजे चिंतित करने वाले हैं।
indore में प्रिवेंटिव हेल्थ केयर का अब तक का सबसे बड़ा सर्वेक्षण हुआ है जहां एक ही शहर में 1 लाख से ज्यादा लोगों के 8 लाख से ज़्यादा टेस्ट किए गए। पूरी दुनिया में लाइफ स्टाइल डिसीज का पहले से पता लगाने के लिए ये अब तक का सबसे बड़ा अभियान है और इंदौर के नतीजे बेहद चौंकाने वाले है।
इस विषय में सांसद शंकर लालवानी की अगुवाई में विभिन्न समाजों, धर्मगुरुओं, व्यापारिक एसोसिएशन, आईएमएम, जिला प्रशासन, नगर निगम, केंद्र एवं राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के साथ एक बड़ी बैठक आयोजित की गई और इससे निपटने के लिए कार्ययोजना पर चर्चा की गई। ‘हेल्थ ऑफ इंदौर’ सर्वे में indore के विभिन्न समाजों, आयु वर्गों, अलग-अलग इलाकों, विभिन्न आय वर्गों एवं महिला तथा पुरुषों का अध्ययन किया गया। कुल मिलाकर 1,00,113 लोगों के 8 बायोमैडिकल पैमानों टेस्ट किए गए और इसके मुताबिक indore की लगभग आधी आबादी गंभीर लाइफ स्टाइल जनित बीमारियां होने की कगार पर है। इस सर्वे में सम्मिलित 48% लोगों के एक या एक से अधिक टेस्ट की रिपोर्ट असामान्य पाई गई है।
— सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 9.5% का ब्लड ग्लूकोस असामान्य रूप से ज्यादा था जो यह दर्शाता है यह आबादी डायबिटीज या प्रीडायबिटीज स्टेज पर है।
– इसी तरह सर्वेक्षण में सम्मिलित 17% लोगों का कोलेस्ट्रॉल असामान्य रूप से अधिक पाया गया और यह ह्रदय रोगों की तरफ ले जा सकता है।
– सर्वे में शामिल 6 प्रतिशत लोगों का एसजीपीटी असामान्य रूप से अधिक पाया गया यह लीवर की बीमारियों की ओर संकेत करता है।
– साथ ही, सर्वेक्षण के 13% सहभागियों में सीरम प्रोटीन असामान्य रूप से कम पाया गया जो खराब डाइट को दर्शाता है यानी इन नागरिकों की इम्युनिटी भी कम है।
– सर्वेक्षण मैं 5.85% लोगों में ग्लूकोस और कोलेस्ट्रॉल दोनों बढ़े हुए मिले हैं जो कि गंभीर बीमारियों का रुप ले सकता है।
– इस सर्वे मैं 51% पुरुष एवं 49% महिलाएं सम्मिलित थी और इस सर्वे की खास बात यह है कि ज्यादातर असामान्य मापदंड पुरुषों में मिले हैं यानी इंदौर की एक्टिवली वर्किंग आबादी ओर खतरा ज्यादा है।
– सर्वे में एक और दिलचस्प बात यह पाई गई कि निम्न आय समूह, मध्य आय समूह एवं उच्च आय समूह में से मध्य आय समूह के रक्त के नमूनों में असामान्यता अधिक पाई गई यानी मिडिल क्लास को लाइफ़स्टाइल डिसीज होने के खतरे सबसे ज्यादा है।
सांसद शंकर लालवानी ने इस अभियान के बारे में बताया कि जब डॉ विनीता कौठारी ने कहा कि indore में लाइफस्टाइल संबंधित बीमारियां बढ़ रही है और इसका एक डिटेल सर्वे होना चाहिए। फिर सांसद सेवा, संकल्प रेड क्रॉस, डॉ विनीता कोठारी जी की संस्था एवं आईएमए के साथ मिलकर एक बड़े सर्वे की योजना बनी और एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए। जिसमें आठ पैमानों पर किसी भी व्यक्ति को लाइफस्टाइल से संबंधित कोई बीमारी होने की आशंका का पता लगाया गया यानी यह अब तक किसी भी शहर में हुआ सबसे बड़ा प्रीवेंटिव हेल्थ केयर कैंपेन है।
सांसद लालवानी ने कहा कि इस सर्वे के नतीजों के बाद मैं चिंता में हूं क्योंकि करीब एक लाख लोगों का सैंपल साइज काफी बड़ा सैंपल साइज माना जाता है और 48% यानी लगभग आधी आबादी किसी ना किसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकती है। इसे रोकने के लिए हमें युद्ध स्तर पर इसके लिए एक मिलकर योजना बनानी होगी।
इसमें एक आशा की किरण ही दिखाई देती है कि 31 से 40 एवं 40 से 50 साल की उम्र तक के लोगों में यह लाइफस्टाइल डीसीज सबसे ज्यादा देखने को मिली है यानी अगर एक 31 साल के व्यक्ति के पास करीब करीब 10 से 15 साल का वक्त है कि वह अपनी लाइफस्टाइल को बदलकर इन बीमारियों से बच सकता है।
सांसद लालवानी ने बताया कि सर्वे के नतीजों से स्पष्ट है कि प्रिवेंटिव हेल्थ केयर अपना कर हम विभिन्न बीमारियों से ना सिर्फ हम बच सकते हैं बल्कि व्यक्ति, समाज एवं सरकार पर आने वाले खर्च से भी बचाया जा सकता है।
सांसद लालवानी ने बताया कि इस सर्वे में सम्मिलित सभी 1 लाख से ज़्यादा लोगों के फोन नंबर है और हम उनको बुलाकर उनकी आगे केयर करेंगे। साथ ही, उनकी डिटेल को आधार कार्ड से जोड़कर हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। केंद्र सरकार की इस योजना के अंतर्गत नागरिक अपनी स्वास्थ्य सम्बन्धी रिपोर्ट को कहीं से भी एक्सेस कर पाएंगे।
कलेक्टर इलैयाराजा टी ने इस सर्वे को प्रिवेंटिव हेल्थकेयर की दिशा में बड़ा कदम बताते हुए इंदौर में लाइफस्टाइल डिसीज के बारे में जागरुकता फैलाने पर जोर दिया। कलेक्टर ने कहा कि इंदौर को स्वच्छ इंदौर को स्वस्थ इंदौर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास करने की आवश्यकता है और हम indore को एक रोल मॉडल के तौर पर डेवेलप कर सकते हैं।
सेंट्रल लैब की फाउंडर डॉ विनीता कोठारी ने सांसद शंकर लालवानी को धन्यवाद देते हुए कहा की सांसद जी की वजह से ही यह बेहद कठिन सर्वे पूरा हो पाया क्योंकि एक लाख लोगों का सर्वे करना आसान काम नहीं है। डॉ कोठारी ने साल 2012 में बोहरा समाज में किए सर्वे का जिक्र किया जिसमें एसजीपीटी, ग्लूकोज, कोलेस्ट्रॉल आदि की स्थिति खराब थी। 2012 के सर्वे में बोहरा समाज के 60% लोगों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ था जिसके बाद समाज ने इस पर काम किया और 2022 के सर्वे में सिर्फ 13.8% लोगों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ आया और बाकी के पैमानों में भी जबरदस्त सकारात्मक नतीजे मिले हैं।
डॉ कोठारी ने बताया कि उनकी लैब में हुए टेस्ट के आंकड़ों पर जब नजर डाली यह समझ में आया कि indore में लाइफस्टाइल से जुड़ी हुई बीमारियां बढ़ रही है और यही डाटा उन्होंने माननीय सांसद शंकर लालवानी जी के साथ शेयर किया जिसके बाद सांसद जी की पहल पर आइएमए, रेड क्रॉस साथ आए और सांसद सेवा संकल्प के अंतर्गत बड़ी कार्ययोजना बनी।
सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि हम indore में सभी काम मिलजुलकर करते हैं और आज विभिन्न समाजों, धर्मगुरुओं, व्यापारिक एसोसिएशन, आईएमएम, जिला प्रशासन के साथ एक बड़ी बैठक की है और इससे निपटने के लिए कार्ययोजना बनाई है। ये सर्वे रिपोर्ट केंद्र एवं राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा करेंगे। साथ ही, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के साथ जल्द ही बैठक भी होगी।
बैठक में पद्मश्री जनक पलटा, पद्म श्री सुशील दोषी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती रेणुका जैन, समाजसेवी डॉ अनिल भंडारी जी, डॉ भरत रावत, डॉ संजय धानुका, डॉ दिव्या गुप्ता एवं शहर के गणमान्य नागरिकजन एवं प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे। साथ ही, बोहरा समाज, माहेश्वरी समाज, अग्रवाल समाज, जैन समाज, सिंधी समाज, सिख समाज के प्रतिनिधि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सांसद सेवा संकल्प के सावन लड्ढा ने किया।
बैठक में शामिल लोगों के उदगार –
योगी मनोज जी – स्कूली शिक्षा में ही सही डाइट को शामिल करें। शरीर के लिए थकान और मन का विश्राम आवश्यक है।
डॉ भरत रावत – यूनिवर्सल डाइट हो और घर का बना खाना खाएं, वार्ड स्तर पर जांचें होनी चाहिए।
डॉ संजय धानुका – 18 वर्ष से ऊपर ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल. मैदे का उपयोग ना करें।
राजेश अग्रवाल – शहर में गार्डन के साथ-साथ खेल के मैदान भी बनाना ज़रुरी है।
अशोक डागा – सभी समाज अपने कैम्प लगाए।
श्री दादू महाराज – मैदा, नमक और शक्कर का उपयोग कम किया जाए। बच्चों को शारीरिक श्रम के लिए प्रेरित करवाया जाए।