DA Hike, Madhya pradesh: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बार फिर से प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार का कर्मचारी विरोधी रवैया एक बार फिर सामने आ रहा है और उन्हें कर्मचारियों की मांग का समर्थन करने का इरादा है। इस संदर्भ में, प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों ने लंबे समय से केंद्र के बराबर 46% महंगाई भत्ता देने की मांग की है। कमलनाथ ने इस मांग का समर्थन किया है और सरकारी कर्मचारियों के हित में कदम उठाने की गुहार दी है। उन्होंने कहा कि सरकार नहीं छलावा करने चाहिए, बल्कि कर्मचारियों को उनका अधिकार देना चाहिए और महंगाई भत्ता देने के संबंध में सुनिश्चित करना चाहिए।
बता दे कि, मध्य प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों का डीए को लेकर इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। इस परिस्थिति में, कमलनाथ ने प्रदेश के कर्मचारियों के समर्थन में आगे आने का निर्णय किया है। उन्होंने व्यक्त किया, ”मध्य प्रदेश सरकार का कर्मचारी विरोधी रवैया एक बार फिर सामने आ रहा है। मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारी लंबे समय से केंद्र के बराबर 46% महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे हैं। मैं उनकी मांग का समर्थन करता हूं।”
पूर्व सीएम ने आगे कहा, ”विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले भाजपा सरकार ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी कि महंगाई भत्ता बढ़ा दिया जाए, भाजपा सरकार को अच्छी तरह पता था कि आचार संहिता के बीच में निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं कर सकता। इसलिए भाजपा ने खुद को कर्मचारी हितैषी दिखाने के लिए यह पाखंड किया था।”
कमलनाथ ने इस पर टिप्पणी की, ”अब जब भाजपा की सरकार दोबारा बन गई है तो कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने की फाइल ही आगे नहीं बढ़ रही। इससे पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव के समय जनहित की बातें करती है और चुनाव जीतने के बाद सभी वर्गों को ताक पर रख देती है। मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि सरकारी कर्मचारियों के साथ छलावा करने की बजाय वह कर्मचारियों को उनका अधिकार दें और 46% महंगाई भत्ता देना सुनिश्चित करें।