भूकंप से प्रभावित तुर्की के लिए भारत ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत लगातार मदद पहुंचा रहा है। इसी के तहत 7वां विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस से रवाना किया गया। वायु सेना के इस विमान में राहत सामग्री, चिकित्सा सहायता, आपातकालीन और महत्वपूर्ण देखभाल दवाएं, चिकित्सा उपकरण और उपभोग्य वस्तुएं हैं।
इससे पहले भी भारत ने विशेष विमानों से दोनों देशों के लिए आर्मी फील्ड अस्पताल से 89 सदस्यीय सेना की मेडिकल टीम भेजी है। एनडीआरएफ की टीमें तुर्की में राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हैं।
विमान में 35 टन से अधिक की राहत सामग्री
भूकंप से प्रभावित तुर्की के लिए शनिवार शाम को वायु सेना के सी-17 परिवहन विमान से राहत सामग्री और उपकरण भेजे गए। इस विमान में राहत सामग्री, चिकित्सा सहायता, आपातकालीन और महत्वपूर्ण देखभाल दवाएं, चिकित्सा उपकरण और उपभोग्य वस्तुएं हैं। वायु सेना का यह विमान पहले दमिश्क जाकर वहां राहत सामग्री उतारने के बाद अदाना के लिए उड़ान भरेगा। इस उड़ान में 35 टन से अधिक की राहत सामग्री भेजी गई है, जिसमें से 23 टन से अधिक की राहत सामग्री सीरिया के लिए और लगभग 12 टन तुर्की के लिए भेजी गयी है।
चिकित्सिये उपकरण भी भेजे गए
सरकार द्वारा बताया गया है कि सीरिया के लिए भेजी जा रही सहायता में स्लीपिंग मैट, जेनसेट, सोलर लैंप, तिरपाल, कंबल, आपातकालीन और महत्वपूर्ण देखभाल दवाएं, और आपदा राहत सामग्री शामिल है। तुर्की जाने वाले विमान में सामग्री में आर्मी फील्ड अस्पताल और एनडीआरएफ के लिए टीम की आपूर्ति, ईसीजी जैसे चिकित्सा उपकरण, रोगी मॉनिटर, एनेस्थीसिया मशीन, सिरिंज पंप, ग्लूकोमीटर, आदि, कंबल और अन्य राहत सामग्री शामिल हैं।
भारत आएगा जल्द एक भारतीय पार्थिव शारीर
वहीं तुर्की में विनाशकारी भूकंप से हुई तबाही के मलबे में शनिवार को एक भारतीय नागरिक का शव मिला है। मृतक की पहचान उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कोटद्वार के रहने वाले विजय कुमार के रूप में हुई है। वह बीते माह अपने व्यवसाय के सिलसिले में तुर्की गए थे, लेकिन बीते 6 फरवरी से लापता थे। तुर्की में स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को पुष्टि की है कि 6 फरवरी को भूकंप के बाद से तुर्की में लापता भारतीय नागरिक विजय कुमार के शव के कुछ हिस्से मिल गए हैं। उनका शव तुर्किये के मलत्या में एक होटल के मलबे के बीच से निकाला गया। उनके पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द भारत पहुंचाने के लिए इंतजाम किये जा रहे हैं।
वहीं विजय कुमार के रिश्तेदार गौरव काला ने बताया कि हमें कल सूचना मिली कि उसका सामान और पासपोर्ट मिल गया है, लेकिन वहां कोई शव नहीं है। हम उसकी सलामती की उम्मीद कर रहे थे कि आज दोपहर में दूतावास से फोन आया। वे पहचान के लिए पुष्टि चाहते थे, इसलिए हमने उन्हें बाएं हाथ पर एक निशान के बारे में बताया। वह बेंगलुरु में एक कंपनी में काम करता था। वह 22 जनवरी को तुर्की गया था और वह 20 फरवरी को लौटने वाला था।
विदेश मंत्रालय की भी नजर इससे पहले 8 फरवरी को विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने बताया था कि भूकंप आने के बाद तुर्की के दूरदराज के हिस्सों में दस भारतीय फंसे थे, लेकिन एक नागरिक के लापता होने की जानकारी दी थी। भूकंप से तबाह हो चुके यूरोप के पास बसे पश्चिम एशिया के दो देश तुर्कि और सीरिया में छह दिन से मलबे में जिंदगी की तलाश की जा रही है। इन देशों में भूकंप के बाद से मरने वालो की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस आपदा में अब तक 25 हजार से अधिक लोगों की जान गई है। तुर्कि में 19 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। बाकी लोग सीरिया के है |