Budget 2024: आज यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने छठे बजट को लेकर 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश कर दिया है। उन्होंने लोकसभा में मोदी सरकार 2.0 का अंतरिम बजट पेश किया है। बजट में किसी भी प्रमुख दर का परिवर्तन नहीं हुआ है, जी हां इस बार बजट में कुछ भी सस्ता या महंगा नहीं हुआ है। बता दे कि इसका कारण 2017 में लागू किए गए GST के बाद से बजट में केवल कस्टम ड्यूटी और एक्साइज ड्यूटी को बदला जाता है। इस साल भी सरकार ने कस्टम ड्यूटी और एक्साइज ड्यूटी में कोई परिवर्तन नहीं किया है।
इसी तरह कई आम उपयोग होने वाले वस्त्र और खाद्य पदार्थों के दामों में बढ़ोतरी देखी गई है। बीते एक साल में तुवर दाल के दाम 110 रुपये से बढ़कर 154 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं।
इसी प्रकार चावल के भाव 37 रुपये से बढ़कर 43 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं। इसके साथ ही दूध, चीनी, टमाटर और प्याज जैसे आवश्यक उत्पादों के दाम भी बढ़े हैं। अगर हम इसे विश्लेषण करें तो बजट में उपयोग होने वाले वस्त्र और खाद्य पदार्थों के दामों में वृद्धि का मुख्य कारण टैक्सेशन सिस्टम का है।
डायरेक्ट टैक्स और इन्डायरेक्ट टैक्स
इस तंत्र को मोटे तौर पर ‘डायरेक्ट टैक्स’ और ‘इन्डायरेक्ट टैक्स’ में बांटा गया है। ‘डायरेक्ट टैक्स’ में लोगों की आय और मुनाफे पर टैक्स लगता है, जैसे कि इनकम टैक्स और पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स। इसके विपरीत, ‘इन्डायरेक्ट टैक्स’ वस्त्र और सेवाओं पर लगता है, जैसे कि कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, GST, VAT, सर्विस टैक्स इत्यादि। इस टैक्स का असर अंत में उपभोक्ताओं पर होता है, क्योंकि यह एक व्यक्ति से दूसरे को शिफ्ट किया जा सकता है, जैसे कि होलसेलर रिटेलर को, और रिटेलर ग्राहक को।