केन-बेतवा लिंक परियोजना: बैठक में किया मंथन, मप्र-उप्र और केंद्र की टीम ने दूर की बाधाएं

स्वतंत्र समय, भोपाल

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की बहुप्रतीक्षित केन-बेतवा लिंक परियोजना का काम अब जून तक ही शुरू हो सकेगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना अथारिटी के भोपाल स्थित कार्यालय में गुरुवार को बैठक कर मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और केंद्र सरकार के अधिकारियों ने परियोजना शुरू करने में आ रही बाधाओं को लेकर चर्चा की। इसके अलावा निर्माण सामग्री की रायल्टी या जीएसटी लागत बढ़ती है तो उसकी भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी या नहीं। वहीं, वन विभाग को भूमि हस्तांतरित नहीं होने के कारण भी परियोजना प्रभावित हो रही है।

इन सभी आपत्तियों को अब जल शक्ति मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत कर समाधान किया जाएगा। बैठक में तय किया है कि दौधन बांध निर्माण के लिए पांच मार्च तक टेंडर डाले जा सकेंगे। इसके बाद टेंडर में हिस्सा लेने वाली कंपनियों को प्री-क्वालिफाई किया जाएगा। कंपनियों का कार्य अनुभव और समस्त दस्तावेजों के परीक्षण के बाद टेंडर की प्रक्रिया बढ़ाई जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि जून तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
बता दें, अब तक हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (एचसीसी), एस्कान इंफ्रास्ट्रक्चर (इंडिया) लिमिटेड, दिलीप बिल्डकान, एसटीएन सहित 11 कंपनियों ने रुचि दिखाई है।
फरवरी में है शिलान्यास की तैयारी: केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास करना चाहती है। इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री डॅा. मोहन यादव भी कह चुके है कि परियोजना का भूमिपूजन फरवरी में किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार भूमिपूजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों हो सकता है।

ये जिले होंगे लाभान्वित

  • मप्र में छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, विदिशा, सागर, शिवपुरी, दतिया और रायसेन उत्तर प्रदेश में महोबा, बांदा, झांसी और ललितपुर
  • परियोजना एक नजर में लागत: 44,605 करोड़ रुपये
  • केंद्र सरकार का हिस्सा: 90 प्रतिशत राशि
  • राज्य सरकारों का हिस्सा: 5-5 प्रतिशत राशि
  • केन-बेसिन से यूपी में सिंचाईः 2.27 लाख हेक्टेयर
  • केन-बेसिन से मप्र में सिंचाईः 4.47 लाख हेक्टेयर
  • बेतवा बेसिन से मप्र में सिंचाईः 2.06 लाख हेक्टेयर
  • मध्य प्रदेश के हिस्से में आएगीः बिजली