युवा फंस रहे सट्टा-पट्टी के मकड़जाल में पुलिस बल की कमी से जूझ रहा पांढुर्णा

स्वतंत्र समय, पांढुर्णा

शहर सहित ग्रामीण अंचलों में अवैध रूप से संचालित सट्टे का कारोबार तेजी से पाव पसार रहा है। पुलिस प्रशासन कार्रवाई के नाम पर छूट मूट कार्रवाई कर अपनी पीठ थप थपाने में लगे हुए है। शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों लोग प्रतिदिन अपनी गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा सट्टेबाजी के इस खेल में गवां रहे हैं। जिससे शहर की आबो हवा खराब हो रही है और युवा सट्टे के काले खेल में बुरी लत का शिकार बन रहे है। नगर के अंदर व ग्रामीण छेत्रो में भी कुछ युवा इस काम को तेजी से आगे बढ़ा रहे है। व कुछ पैसों के फायदे में अपना जीवन बर्बाद कर रहे है।
नगर के अंदर ऐसे कई वार्ड व चौक चौराहों में यह धंधा तेजी से पैर पसार रहा है। जो समाज के हित मे नही है। पुलिस ऐसे मामलों में अक्सर छोटे लोगों तक पहुंच पा रही है। और बड़े शिकारी लगातार पुलिस से बचे हुए है। व ऐसे कामों को अंजाम दे रहे है। वही पांढुर्णा जिला बनने के बावजूद पुलिस बल की कमी के चलते जुंझ रहा है। जिससे अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना पुलिस बल के लिए कठिन बन चुका है। हाल ही में पुलिस मकमे ने एसपी साहब के निर्देशन में पांढुर्णा शहर में दस्तक देकर विभिन्न स्थानों से चार लोगो को गिरफ्त में लिया। शुक्रवार शाम चार बजे से रात्रि सात बजे तक चली धरपकड़ कार्रवाई में तीन शेर, जयस्तंभ, गुजरी चौक जैसे ठिकानों से अवैध हस्त लिखित सट्टा पर्ची सहित लगभग 10,000 रूपये बरामद किए गए।
स्टोरियो में सुरेश बालपांडे, राहुल मदनकर, गणेश खुरसंगे, सुनील बालपांडे का समावेश है। पुलिस ने सट्टा एक्ट की धारा 4 (क) के तहत कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में उपनिरीक्षक लखन भीमटे, आरक्षक अशोक हरसुले, पुष्पेंद्र ठाकुर का महत्वपूर्ण योगदान है।