राज्यसभा चुनाव : सिंधिया के गढ़ से कांग्रेस ने उनके धुर विरोधी को उतारा

स्वतंत्र समय, भोपाल

राज्यसभा चुनाव की आाखिरी तारीख को भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने उम्मीदवारों के नामांकन पत्र गुरुवार को दाखिल कर दिए। प्रदेश से दो अप्रैल को रिक्त हो रहे राज्यसभा के पांच स्थानों के लिए भाजपा ने चार और कांग्रेस ने एक उम्मीदवार का नामांकन पत्र जमा किया।
भाजपा के प्रत्याशियों में केंद्रीय मंत्री एल मुरूगन, श्रीक्षेत्र वाल्मीकि धाम आश्रम के पीठाधीश्वर उमेश नाथ महाराज, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष माया नारोलिया एवं किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर ने पहले नामांकन पत्र जमा किए। इसके बाद कांग्रेस के अशोक सिंह पार्टी नेताओं के साथ विधानसभा पहुंचे और रिटर्निंग आफिसर संजय गुप्ता को नामांकन पत्र जमा किया। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह, भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा समेत मंत्री, विधायक और पार्टी पदाधिकारियों की उपस्थिति में नामांकन पत्र जमा किए।

राज्यसभा चुनाव में निर्विरोध निर्वाचन होना तय

राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्रों की जांच शुक्रवार को होगी और 20 फरवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 230 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 163, कांग्रेस के 66 और भारत आदिवासी पार्टी से एक विधायक है। दलीय स्थिति के अनुसार निर्विरोध निर्वाचन होना तय है। भाजपा के चारों प्रत्याशी नामांकन जमा करने के पूर्व प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे। यहां से पार्टी पदाधिकारियों के साथ विधानसभा भवन स्थित राज्यसभा चुनाव के लिए बनाए रिटर्निंग आफिसर कार्यालय पहुंचे।

अलग-अलग क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों का योगदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस प्रकार से राज्यसभा और लोकसभा में जिस तरह से प्रत्याशी का चयन होता है, वह उज्जवल परंपरा है। अलग-अलग क्षेत्रों हमारे प्रत्याशियों ने योगदान दिया है। राज्य सभा में ये सभी चयनित होने के बाद मध्य प्रदेश का पक्ष रखेंगे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि संगठन के काम जमीन से लेकर सामाजिक क्षेत्र में भूमिका निभाने वालों को प्रत्याशी बनाया है। केंद्रीय नेतृत्व के आदेश पर एल मुरुगन को प्रत्याशी बनाकर तमिलनाडु को भी ताकत मप्र ने दी है। सामाजिक समरसता को लेकर काम करने वाले उमेश नाथ महाराज, पंच, सरपंच, नगर पालिका की अध्यक्ष रहीं और महिला सशक्तीकरण का काम करने वाली माया नारोलिया और किसान नेता बंशीलाल गुर्जर को मौका दिया है।

दिग्विजय, कमलनाथ और पचौरी भी नहीं पहुंचे

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और दिग्विजय सिंह समेत पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी अशोक सिंह यादव के नामांकन के मौके पर नहीं पहुंचे। जबकि भाजपा की पूरी लीडरशिप चाहे सत्ता और संगठन मौजूद रही। इतना ही नहीं भाजपा कार्यालय में एकत्रित होकर सभी उम्मीदवार विधानसभा पहुंचे। कांग्रेस प्रत्याशी के साथ ऐसा नहीं दिखाई दिया।

अशोक सिंह ने निस्वार्थ पार्टी की सेवा की

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, अजय सिंह, हेमंत कटारे सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में अशोक सिंह ने नामांकन पत्र जमा किया। मीडिया से पटवारी ने कहा कि अशोक सिंह ने निस्वार्थ भाव से पार्टी की सेवा की। उमंग सिंघार ने प्रदेश में भाजपा ने उत्तर प्रदेश और बिहार के चुनाव समीकरणों को देखते हुए डा.मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया है। हमने ग्वालियर-चंबल में सेंधमारी के लिए अशोक सिंह के रूप में बड़ा नेता दिया है। एक नई शुरुआत होगी और सिंधिया के किले को ध्वस्त करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।