स्वतंत्र समय, ग्वालियर
किसान आंदोलन के बीच शुक्रवार को किसान संगठनों ने मजदूर यूनियनों के साथ मिलकर भारत बंद (ग्रामीण) का आवहान किया है। सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक भारत बंद का असर दिखाई दिया। भारत बंद के चलते मध्य प्रदेश किसान महासभा व ट्रेड यूनियन ने ग्वालियर में फूलबाग मैदान पर एकत्रित होकर बंद के समर्थन में धरना प्रदर्शन किया।
किसान संगठनों ने कहा हम पीछे नहीं हटेंगे
ग्रामीण क्षेत्रों से बंद कराकर जुलूस के रूप में किसान संगठन फूलबाग मैदान पहुंच रहे हैं। मध्य प्रदेश किसान महासभा के राज्य महासचिव अखिलेश यादव ने कहा कि जब तक किसानों की मांगें नहीं मानी जाती है तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे। संयुक्त मोर्चा की आज बैठक है। जरुरत पड़ी तो अंचल से हजारों किसान जाएंगे दिल्ली। किसानों के भारत बंद का असर शहर में दिखाई नहीं दे रहा है। सब्जी मंडियों में आज किसानों ने सब्जी व फूल नहीं भेजा है। इस बार किसान एमएसपी की गारंटी के साथ 11 अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, जिसको लेकर किसानों और सरकार के बीच तीन बार बातचीत की जा चुकी है। गुरुवार को देर रात 1:30 बजे तक पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की मौजूदगी में किसान संगठनों और केंद्र सरकार के मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा व नित्यानंद के बीच तीसरे दौर की वार्ता चलती रही, लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही है। अब रविवार को फिर से बैठक होगी।
यह है किसान की मुख्य मांगें कानूनी गारंटी
- कानूनी गारंटीः प्रदर्शनकारी किसान अपनी आय की सुरक्षा और बाजार के उतार- चढ़ाव से बचाव के लिए कानूनी गारंटी चाहते हैं।
- न्यूनतम समर्थन मूल्यः किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन की वकालत कर रहे हैं। जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसानों के लिए उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित करने, लागत गणना और टिकाऊ कृषि प्रथाओं के लिए समर्थन सुनिश्चित करने के उपाय शामिल हैं।
- पेंशन प्रावधानः एक अन्य महत्वपूर्ण मांग किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन का प्रावधान है।
- लखीमपुर घटना पर न्यायः किसान लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहें हैं। घटना के खिलाफ जवाबदेही और कानूनी कार्रवाई करने की बात कर रहें हैं।