स्वतंत्र समय, ग्वालियर
कांग्रेस विधायकों और ग्वालियर महापौर का कहना है कि अभी हमें हमारे नेता कमल नाथ की ओर से कोई संदेश, आदेश नहीं मिला है। जो जाएगा उसका नाम सामने आ जाएगा, यह खबरें पूरी तरह से अटकलें हैं। कांग्रेस के सीनियर नेता व पूर्व सीएम कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने अटकलों से फिलहाल पूरे प्रदेश सहित की राजनीति गर्म हो गई है। इससे ग्वालियर-चंबल अंचल भी अछूता नहीं रहा है। ग्वालियर-चंबल अंचल में कमलनाथ समर्थक दो महापौर व चार विधायकों पर सभी की नजर आ गई है। ग्वालियर में कांग्रेस महापौर शोभा सिकरवार ने तो यहां तक कह दिया है कि वह अपनी पार्टी में रहकर ही कार्य करना चाहती हैं। जो भाजपा में जाएगा उसका नाम खुद ही सामने आ जाएगा। पर इन सभी के बावजूद कमलनाथ समर्थकों के बीच बैठकों का दौर जारी है।
उनके साथ कितने विधायक और महापौर हैं?
ग्वालियर-चंबल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के बाद ग्वालियर-चंबल अंचल की राजनीति पूरी तरह पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पूर्व सीएम कमलनाथ के आसपास ही घूम रही थी। कांग्रेस के सीनियर लीडर व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ व उनके सुपुत्र व छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलों से ग्वालियर-चंबल अंचल में एक सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि उनके साथ कितने विधायक और महापौर हैं? इसके जवाब में कांग्रेस के कुछ लोगों ने ऑफ द रिकॉर्ड कहा है, यदि कमलनाथ और नकुलनाथ भाजपा में शामिल होते हैं तो मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल के चार विधायक जिनमें दो ग्वालियर, एक श्योपुर व एक मुरैना और दो महापौर (ग्वालियर और मुरैना) कांग्रेस छोड़ सकते हैं। इसके साथ ही कमलनाथ के करीबी कुछ पूर्व विधायक भी साथ जा सकते हैं। ग्वालियर-चंबल अंचल में 34 विधानसभा सीट में से 16 पर इस बार कांग्रेस ने जीत हासिल की हैं। वैसे तो ज्यादातर कमलनाथ व दिग्विजय समर्थक ही हैं, लेकिन ग्वालियर में ग्वालियर पूर्व विधानसभा से विधायक डॉ. सतीश सिकरवार, ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा से विधायक साहब सिंह गुर्जर, मुरैना से दिनेश गुर्जर व श्योपुर से कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल सिंह कट्टर कमलनाथ समर्थक हैं।
दो कांग्रेस महापौर भी कमलनाथ समर्थक हैं
ग्वालियर-चंबल अंचल से चार विधायकों के साथ-साथ दो कांग्रेस महापौर भी कमलनाथ समर्थक हैं। यदि पूर्व सीएम कमलनाथ व सांसद नकुलनाथ भाजपा में चले जाते हैं तो ग्वालियर महापौर शोभा सिकरवार, मुरैना महापौर शारदा सोलंकी भी कांग्रेस छोड़ सकती हैं। हालांकि अभी दोनों ने इस तरह की अटकलों पर ध्यान नहीं देने की बात कही है और कांग्रेस में रहकर ही अपने समाज सेवा को लक्ष्य को पूरा करने का दावा किया है। ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस विधायक, पूर्व विधायक व महापौर सहित संगठन के ऐसे नेता जो सीधे कमल नाथ के संपर्क में हैं उनके बीच बैठकों का दौर जारी है। दबी जुबान में कुछ नेता यह तक कह रहे हैं जहां हमारे नेता (कमल नाथ) होंगे हम भी वहीं होंगे। कुछ का यह भी कहना है कि वह कांग्रेस पार्टी के लिए सच्ची सेवा करते रहेंगे। ग्वालियर में भी बैठक हुई है। पर जब मीडिया ने कमल नाथ समर्थकों को घेरा तो उन्होंने इसे नगर निगम के बजट की बैठक, आर्थिक संकट पर बैठक कहते हुए टाल दिया।
ग्वालियर महापौर बोलीं जो जाएगा अपने आप सामने आ जाएगा
नगर निगम ग्वालियर महापौर कांग्रेस नेत्री शोभा सिकरवार ने कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलों पर कहा कि अभी तो ऐसी कई अटकलें सुनाई पड़ेंगी। जो भाजपा में जाएगा उसका नाम खुद ही सामने आ जाएगा। फिलहाल हमारी कोई बात नहीं हुई है। बैठक निगम के बजट व राहुल गांधी की यात्रा को लेकर हुई थी।
हम कांग्रेस के साथ खड़े हैं और रहेंगे, कमलनाथ जी न जाएं
ग्वालियर पूर्व विधानसभा से विधायक व कट्टर कमलनाथ समर्थक डॉ. सतीश सिकरवार का कहना है कि यह सब अटकलें हैं। हम कांग्रेस के साथ थे, हैं और रहेंगे। मेरा तो कमलनाथ जी से भी कहना है कि न जाएं तो अच्छा रहेगा। अभी हमें उनसे कोई संदेश या आदेश नहीं मिला है।