स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
किसनों की बात सही हो सकती है, लेकिन उसे मनवाने का तरीका गलत है। किसान आंदोनल में एक तरफ तो शांतिपूर्ण प्रदर्शन की मांग बात करते हैं.. लेकिन दूसरी तरफ ऐसी तैयारी से आए हैं जैसे अपने ही देश से युद्ध करना चाहते हो। टैंक, ट्रैक्टर और जेसीबी लेकर दिल्ली जाने की जिद पर अड़े हैं। उनकी इस जिद ने आम आदमी की मुसीबत बढ़ा दी है। कल दिल्ली और आसपास के इलाकों में कई जगह भारी ट्रैफिक जाम है। पंजाब और हरियाणा में भी आम लोगों को परेशान होना पड़ा है।
किसान आंदोलन में दो की मौत कई घायल
किसान आंदोलन उग्र होता जा रहा है। सरकार के साथ बातचीत की कोशिश फिर भी नतीजा रही है। शंभू और खनेरी बॉर्डर पर किसान और पुलिस के बीच भारी टकराव हुआ है। कनेरी बॉर्डर पर हालत ज्यादा खराब है यहां रबर बुलेट और आंसू गैस छोड़ी गई है। किसानों के मुखिया सरवन पंढेर ने कहा की खनोरी बॉर्डर पर एक किसान की मौत हो गई है वह बठिंडा का रहने वाला था। पुलिस इस बात की पुष्टि नहीं कर रही है। उधर टोहाना बॉर्डर पर तैनात एसआई विजय कुमार की तबीयत अचानक बढ़ गई उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। किसान आंदोलन का आज 9वा दिन है अलग-अलग वजहों से अब तक दो पुलिसकर्मियों समय कर मौत हो चुकी है।
अनूठे मास्क और कवच
दिल्ली की तरफ बढ़ रहे किसान एक बार कोई तैयारी से आए हैं। पुलिस की कार्रवाई से खुद को बचाने के लिए अंगूठे गैस मास्क और बॉडी कवच पहने नजर आ रहे हैं। किसी ने सिर और मुंह पर कपड़ा लपेट रखा है तो कोई झूठ की बोरी पहने हुए हैं। कोई चेहरे पर कोलगेट पेस्ट लग रहा है तो किसी ने कांच नुमा हेलमेट से खुद को ढक रखा है।