स्वतंत्र समय, सिरोंज
विदिशा जिले के सिरोंज विकासखण्ड मे सहकारिता नीतियों को ठेंगा दिखाते हुए अपने परिजनों नाते रिश्तेदारों को नौकरी देने में लगा हुआ है। भारत सरकार में केंद्रीय ग्रह और सहकारिता मंत्री अमित शाह जिन्हे राजनीति के चाणक्य कहा जाता है। सहकारिता विभाग को कंप्यूटरीकृत करके ऋण उपलब्ध करवाने से लेकर जन औषधि केन्द्र एलपीजी वितरण जैसे अनेकों खरीदी विक्री प्लेटफार्मो से जोड़कर किसानों और सहकारी समितियों को मजबूती प्रदान की है। वहीं इसके उलट सहकारिता विभाग में नियम विरुद्ध नौकरी देने में भाई-भतीजावाद जोरों पर चल रहा है।
प्रबंधक प्रशासक रिश्तेदारों को नियम विरुद्ध दे रहे नौकरी
कृषि ऋण समितियों में पदस्थ अधिकारी, प्रबंधक और प्रशासक अपने भाई भतीजों के लिए नौकरी में भर्ती प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए सहकारिता विभाग से जुड़ी समितियो पर नियम विरुद्ध कर्मचारियों को रखे हुए हैं। कॉपरेटिव बैंक सिरोंज के सीईओ प्रकाश बाबू शर्मा समितियों के सुपरवाइजर गोपाल शर्मा और उप पंजीयक सहकारिता विदिशा कार्यालय में पदस्थ ऑडिटर सिरोंज के प्रशासक संजय जैन की मिलीभगत से भर्ती कांड घोटाले को अंजाम दिया गया है। एक और जहां बेरोजगार बेबसी लाचारी के चलते बहुत कम तनख्वा में प्राइवेट स्कूलों और अन्य दुकानों में काम करने मजबूर है तो वहीं सहकारिता विभाग में कर्मचारियों अधिकारियों की मिलीभगत से उनके नाते रिश्तेदारों को बिना भर्ती नियमों के समितियों में रख लिया जाता है। जिला सहकारी बैंक सिरोंज के मैनेजर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने सगे संबंधियों को सोसायटी में नौकरी दिलवाई गई तो वही सोसायटी सुपरवाइजर और प्रशासक ने तो हद करते हुए कई रिश्तेदारों को नौकरी दे दी।
समिति प्रबंधक रिश्तेदारों और खुद के किरायदारों को भी दे देते हैं नौकरी
सूत्रों के अनुसार हाजीपुर सोसायटी प्रबंधक द्वारा किराएदार दीपक भार्गव को और से शिवम बघेल को ही नौकरी दे दी गई तो वही अन्य कर्मचारी वीरेंद्र विश्वकर्मा इकलोद सोसायटी सह प्रबंधक का सगा रिश्तेदार है जिसे इकलोद सोसाइटी में रखा गया। समिति प्रबंधक बिर्जेश नामदेव द्वार अपने रिश्तेदार शिवम नामदेव को अपनी सोसायटी में रखा।चितावर समिति का कर्मचारी सौरभ यादव झुकरहोज सोसाइटी के लिपिक पहलाद यादव का भतीजा है। इसी प्रकार रमेश कुशवाह को हाजीपुर सोसायटी में इसलिये रख गया क्योंकि वह बैंक कर्मचारियों की सेवा में तत्पर रहता था और बैंक में कर्मचारी की तरह सेवाए देता था। चाठोली सोसाइटी प्रबंधक भगवत कुर्मी का भाई परस राम कुर्मी हाजीपुर सोसायटी में कर्मचारी रखा गया। इसी प्रकार सोना सोसायटी के प्रबंधक द्वारा नरेंद्र रघुवंशी महेश रघुवंशी को रखा गया। गरेठा में शिवनारायण शर्मा को रखा है जो कि समिति प्रबंधक शिवचरण शर्म का दामाद है। बड़ौदा ताल सोसाइटी में सहायक प्रबंधक ने अपने सगे भाई राजेश पांडे को लिपिक के पद पर रख लिया। कोऑपरेटिव बैंक सिरोंज में महिला कर्मचारी जानकीबाई द्वारा अपने दोनों बेटों को अलग-अलग पैक्स समितियो में नौकरी दिलवाई गई।ऐसे लगभग पचास कर्मचारी है जो सीधे तौर पर किसी न किसी सोसायटी कर्मचारी के सगे संबंधी है । कई सालों से बेरोजगारी की मार झेल रहे मोहन रघुवंशी ने इस तरह अपने सगे संबंधियों को सहकारिता में नौकरी देने से खुद के जैसे सैकड़ों बेरोजगारों के लिए न्याय के लिए आंदोलन की बात कही तो वही अन्य बेरोजगारी की मार झेल रहे अनेकों युवाओं ने इसे अपने साथ सौतेला व्यवहार मानकर उचित जांच करवाकर दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही की मांग की।
इनका कहना है
काम अधिक होने के कारण जरूरत पडऩे पर कलेक्टर दर पर बेरोजगारों को रख लिया जाता है। जो कि अस्थाई कर्मचारी है।
-गोपाल प्रसाद शर्मा, सुपरवाइजर पैक्स समिति सिरोंज।
पैक्स प्रबंधक द्वारा काम की अधिकता की बात कही गई थी तब कुछ अस्थाई कर्मचारी रखे गए है सगे संबंधियों की मुझे जानकारी नहीं। कभी कभी राजनैतिक दबाब में भी लोग रखने पड़ते हैं।
-संजय जैन, प्रशासक पैक्स समितिया सिरोंज।
आपके द्वारा जानकारी दी गई है। कॉपरेटिव बैंक के अधिकारियों से बात करके जानकारी लेता हूं फिर में बताता हूं।
-उमाशंकर भार्गव, कलेक्टर विदिशा।