स्वतंत्र समय, छतरपुर
पिछले कई महीनों से जिला व्यापार और उद्योग केंद्र छतरपुर अपनी कार्यप्रणाली के चलते लगातार सुर्खियों में है। चन्द्रपुरा औद्योगिक क्षेत्र में प्लाटों व सडक़ों की स्वीकृत नक्शा के हिसाब से न होकर मनमाफिक तरीके से माप और सडक़ों में परिवर्तन, हस्तांतरण में भारी भ्रष्टाचार, समयसीमा में औद्योगिक इकाईयां चालू न होने के बाद भी प्लाटों को विभागीय पजेशन में लेकर शासन से नीलामी या ऑनलाइन आवंटन कराने की जगह वर्षों बाद कमिश्रर के यहां अपील करवाकर हस्तांतरण करने जैसी तमाम शिकायतों को लेकर शासन-प्रशासन स्तर पर जांच दल गठित किए गए हैं। ऐसी ही एक जांच का प्रकरण अपर कलेक्टर न्यायालय में चल रहा है तथा उद्योग संचालनालय ने भी मनमानी कार्यशैली व भ्रष्टाचार को गंभीरता से लेते हुए संभाग स्तरीय जांच कराने के विभागीय निर्देश दिए थे। इन निर्देशों के परिपालन में परिक्षेत्रीय कार्यालय उद्योग विभाग सागर ने एक जांच कमेटी गठित कर दी थी। इस कमेटी में वरिष्ठ महाप्रबंधक सागर श्रीमती मंदाकिनी केवलिया के नेतृत्व में जांच दल विगत दिवस जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र छतरपुर पहुंचा था। जांच दल अपने साथ लगभग दो दर्जन फाइलें जांच के लिए ले गया है।
साक्ष्यों को मिटाने में जुटा व्यापार और उद्योग केंद्र
चन्द्रपुरा औद्योगिक क्षेत्र के प्रभावितों व शहरवासियों द्वारा व्यापार और उद्योग केंद्र लगातार की जा रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जांच दल गठित किए गए हैं। मनमाने और वरिष्ठ अधिकारियों को सही जानकारी न देकर गुमराह करने के प्रयासों की शिकायतों के साक्ष्यों को मिटाने के लिए विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। गौरतलब है कि उद्योग आयुक्त से 6 माह का समय इंडस्ट्री लगाने के लिए अपीलार्थियों को दिया जाता है लेकिन 6 माह के पूर्व ही उनके प्लाट दूसरों को बिकवाकर हस्तांतरित कर दिए गए। 8-10 वर्ष निकल जाने के बाद भी उन पर औद्योगिक इकाईयां चालू नहीं हुई हैं।
इनका कहना है
जांच दल छतरपुर जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र गया था। दल अपने साथ लगभग दो दर्जन फाइलें भी लाया है जिसकी जांच चल रही है। जांच उपरांत जो भी दोषी होगी उसके खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा की जाएगी।
– आरएस पाण्डेय, प्रभारी परिक्षेत्रीय उद्योग अधिकारी, सागर