स्वतंत्र समय, बरेली।
बाड़ी जनपद में 2 तहसीलों बाड़ी बरेली की 106 ग्रापं आती है। दोनों तहसील में लगभग 225 ग्राम आते है। राजस्व रिकार्ड में 100 से अधिक तालाब (Pond) दर्ज है। दर्जनों तालाब मौके पर गायब हो चुके है। तालाबों की भूमियों पर अमिक्रमण एवसं तालाबों का ग्रामीणों द्वारा कूडादान के रूप में उपयोग करने से तालाबों में गंदगी, मच्छरों कीटपतंगों की भरमार और पानी दूषित हो जाने से ग्रामीण उपयोग नही कर पा रहे है।
100 से अधिक तालाब (Pond) की निरंतर उपेक्षा
वर्षों तक प्रदेश सरकार द्वारा पानी बचाने पानी को एकत्रित करने जलाभिषेक अभियान चलाया गया परंतु जनपद के 100 से अधिक तालाब (Pond) की निरंतर उपेक्षा बनी रही। ग्रापं में नए तालाब निर्माण की योजना में एक एक तालाब पर लाखों रुपए की राशि खर्च होने के बाद तालाबों में पानी के दर्शन होना कठिन बने हुए है। प्रदेश की सरकार द्वारा नदी नालों का पानी सहेजने छोटे-बड़े स्टाप डेम बनाए गए जो भृष्टाचार और आर्थिक अनिमित्तओं की भेंट चढ़ गए।
तालाब (Pond) की भूमियों पर अतिक्रमण की भरमार
बाड़ी जनपद की दर्जनों ग्रापं एवं ग्रामों में जब हेण्डपंपों का प्रचलन नहीं था तालाब ही जलापूर्ति के साधन हुआ करते थे जामगढ़-भगदेई में तीन प्राकृतिक तालाब है, भोडिया, छुछाहर, किनगी, सिमरोद, बागपिपरिया, महेश्वर, नयागांव कलां, कामतौन, अमराबद कलां, मनकापुर, समनापुर काछी, मोकलवाडा, पीथनपुर, ऊटियां, चैनपुर, चारगांव, सेमरी खोजरा, सिलवाह सहित दर्जनों ऐसे ग्राम है जहां कई एकड रकवा के तालाब राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। यदि राजस्व रिकार्ड में दर्ज 100 से अधिक तालाबों का मौके पर सत्यापन किया जाए तो अतिक्रमण के कारण अनेक तालाब गायब, तालाबों की भूमि पर अतिक्रमण कर मकानारें का निर्माण ही नहीं कुछ ग्रामों में तो तालाबों की भूमि पर सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र तक बने मिल सकते है। प्रदेश सरकार द्वारा जलहट अभियान शुरू किया जा रहा है। दशकों से उपेक्षा का शिकार और कूडादान बने सरकारी रिकार्ड में दर्ज तालाबों से अतिक्रमण हटने, पानी दूषित होने से बचाने साफ-सफाई गहरीकरण, सौंदर्यकरण के जागरूकता और जनपद पंचायत, जिला पंचायत के प्रयास शुरू होने की उम्मीद बनी है।