स्वतंत्र समय, भोपाल।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi )गुरुवार को ‘विकसित भारत विकसित मप्र’ कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कई परियोजनाओं का जरिए मप्र की जनता रूबरू हुए। उन्होंने प्रदेश में 17 हजार करोड़ से अधिक की लागत से कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। जिसमें बिजली, पानी, सडक़, रेल, जल आपूर्ति, कोयला, उद्योग आदि कई महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।
आगामी 5 साल में बनेंगी लखपति दीदियांः Narendra Modi
पीएम नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) ने कहा कि आने वाले 5 सालों में बहनों, बेटियों के अभूतपूर्व सशक्तिकरण के होंगे, अनेक लखपति दीदियां बनेंगी, गांव की बहनें नमो ड्रोन दीदियां बनकर खेती में नई क्रांति का आधार बनेगी और बहनों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
डिंडौरी सड़क हादसे पर पीएम ने जताया दुख
पीएम मोदी ने डिंडौरी में हुए सडक़ हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि हादसे में जितने लोगों ने अपने परिजनों को खोया है। उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। वहीं घायलों के इलाज की हर व्यवस्था कराने सरकार साथ है। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में मप्र के लोगों के साथ हूं।
सीएम मोहन ने की Narendra Modi की जमकर तारीफ
वहीं विकसित भारत विकसित मप्र कार्यक्रम को सीएम मोहन यादव ने भी संबोधित किया। जहां सीएम यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) की जमकर तारीफ की। इस दौरान उन्होंने कहा जब सुशासन की बात होती है तो रामराज्य की बात आती है, 2000 साल पहले विक्रमादित्य के सुशासन की बात आती है। लेकिन आज इस बात का हर्ष है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सुशासन की धमक पूरी दुनिया देख रही है।
डबल इंजन की सरकार नए सोपान चढ़ रही: सीएम यादव
सीएम यादव ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में मप्र में डबल इंजन की सरकार नए-नए सोपान चढ़ रही है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना की सौगात भी पीएम मोदी के माध्यम से मप्र को मिली है। पीएम की गरिमामयी उपस्थिति में आज कई नवाचार भी हुए हैं। काल गणना की नगरी उज्जैन आदिकाल से अपने खगोल ज्ञान के लिए जानी जाती रही है। मुझे प्रसन्नता है कि पीएम मोदी के हाथों से आज विश्व की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण हुआ।
विकसित भारत के कालचक्र की साक्षी बनेगी वैदिक घड़ी: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार विरासत व विकास को एक साथ लेकर चलती है। इसका प्रमाण ये वैदिक घड़ी है। बाबा महाकाल की नगरी कभी पूरी दुनिया के लिए काल गणना की केंद्र थी, लेकिन इसके महत्व को भुला दिया था। उन्होंने कहा कि विश्व की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी फिर से स्थापित हुई है, जो अपने समृद्ध अतीत को याद करने के साथ यह विकसित भारत के कालचक्र की साक्षी बनने वाली है।