छुट्टियों से पहले ही पूरा होगा School का 20 प्रतिशत कोर्स

स्वतंत्र समय, भोपाल

180 सीबीएसई स्कूल ( School ) 2.20 लाख स्टूडेंट को समर वेकेशन से पहले अगला सेशन शुरू होने का फायदा स्टूडेंट को भी मिलता है। एजुकेशनिस्ट यूके झा का कहना है कि सेशन शुरू होने के कुछ दिन नए माहौल और बुक्स को समझने में ही लग जाते हैं। जल्दी अप्रैल में एक महीने की क्लास के कारण स्टूडेंट नई क्लास से फैमिलियर हो जाते हैं और इस दौरान पढ़ाए गए कोर्स का वेकेशन में अच्छी तरीके से रीविजन कर लेते हैं। अप्रैल में एक महीने की क्लास से स्टूडेंट्स फैमिलियर हो सकेंगे। स्कूलों में दसवीं बोर्ड की परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स की काउंसिलिंग भी कराई जा रही है। स्कूल संचालक मोहित अग्रवाल ने बताया कि ज्यादातर स्टूडेंट्स नौवीं से ही तय कर लेते हैं कि उन्हें किस सब्जेक्ट के साथ आगे बढऩा है लेकिन, कुछ स्टूडेंट्स एक से ज्यादा ऑप्शन के कारण कन्फ्यूज होते रहते हैं।

School साइकोमैट्रिक टेस्ट भी करा रहे

ऐसे स्टूडेंट्स का इंट्रेस्ट जानने के लिए कई स्कूल ( School ) साइकोमैट्रिक टेस्ट भी करा रहे हैं। एग्जाम के दौर के बीच शहर के स्कूलों ने अगले सेशन के लिए प्लान तैयार कर लिया है। ज्यादातर स्कूलों में मार्च में ही रिजल्ट घोषित करते हुए 1 अप्रैल से नए सेशन की पढ़ाई शुरू करा दी जाएगी। एक माह की क्लास में फस्र्ट टर्म का 15 से 20 प्रतिशत तक कोर्स पूरा कराने का लक्ष्य रखा है। 1 मई से सभी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां लगेंगी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने पिछले साल एकेडमिक कैलेंडर का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए थे। स्कूलों में एकरूपता लाने के लिए नए सेशन की शुरुआत 1 अप्रैल से पहले नहीं करने को कहा गया। पिछले साल की तरह ही इस सेशन के लिए भी स्कूलों ने उसी निर्देश के अनुसार तैयारी कर ली। दरअसल, एक सेशन में 220 वर्किंग डेज अनिवार्य है। एजुकेशनिस्ट श्याम अग्रवाल का कहना हैं कि 1 जुलाई से सेशन शुरू होने के कारण एग्जाम मार्च-अप्रैल में हो पाती थी। जल्दी क्लासेस लगने के कारण फरवरी-मार्च में ही परीक्षाएं संभव हो पा रही है।