स्वतंत्र समय, भोपाल
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के डर से मप्र सरकार ने पिछले तीन दिनों के भीतर करीब 150 आईएएस, आईपीएस और आईएफएस सहित राज्य सेवा के अफसरों के तबादले किए हैं। जल्दबाजी में किए गए इन ट्रांसफरों (transfer) ने सरकार की कमियों की पोल खोल दी है। इससे लगता है कि जीएडी कार्मिक में ये काम जल्दबाजी में हुआ है अथवा अफसरों में अनुभव की कमी से ये गलतियां हुई। जिन पर सवाल उठ रहे हैं।
आईएएस के transfer में खासी कमियां
मप्र में भाजपा की सरकार बनने और मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. मोहन यादव के कार्यकाल को 100 दिन भी पूरे नहीं होने के बीच लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। वहीं मुख्य सचिव वीरा राणा को भी सीएस बने ज्यादा समय नहीं हुआ। दिसंबर में वे प्रभारी सीएस बनाई गईं और जनवरी में सीएस की मुख्य भूमिका में आईं। वैसे उनका भी छह महीने का कार्यकाल बढ़ गया है। उधर, जीएडी कार्मिक में प्रमुख सचिव रहीं दीप्ती गौड़ मुखर्जी के केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर चले जाने के बाद सचिव जीएडी कार्मिक जीव्ही रश्मि को बनाया गया है। इन्हें मुख्य भूमिका में कार्य करने का अनुभव नहीं रहा, जिसके कारण आईएएस के तबादलों (transfer) में खासी कमियां और जल्दबाजी देखने को मिली हैं।
इन कमियों से चर्चा में आया जीएडी कार्मिक
आईएएस धनंजय सिंह भदौरिया को पंचायत और ग्रामीण विकास के सचिव पद से 14 मार्च को राज्य कृषि विपणन बोर्ड का प्रबंध संचालक बनाया गया। इस पद से श्रीमन शुक्ला को हटा दिया गया था, लेकिन 15 मार्च के आदेश में श्रीमन शुक्ला का आदेश कैसिंल कर पुन: मंडीबोर्ड में प्रबंध संचालक बना दिया और 15 मार्च को ही भदौरिया मंडी बोर्ड में ज्वॉइन करने पहुंच गए। इसके बाद धनंजय सिंह को नए आदेश में 15 मार्च को आयुक्त जनजाति विभाग बना दिया। उधर, जीएडी ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में पदस्थ संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राकेश सिंह को हटा दिया है। उनकी नई पदस्थापना प्रबंध संचालक, मत्स्य महासंघ के पद पर की गई है। उनकी जगह अपर प्रबंध संचालक मप्र पर्यटन विकास बोर्ड विवेक श्रोत्रिय को भेजा गया है।
राप्रसे के transfer में भी हुई गलतियां
छोटे से जिले अनूपपुर में दो अपर कलेक्टर पदस्थ कर दिए गए हैं। पहला आदेश मंडला के संयुक्त कलेक्टर अरविंद कुमार सिंह का निकला, जिन्हें प्रमोशन के बाद 14 मार्च को अपर कलेक्टर अनूपपुर बना दिया था। इसके बाद 15 मार्च को जारी आदेश में इन्हें रिवर्ट करते हुए संयुक्त कलेक्टर मंडला पदस्थ कर दिया। इसके बाद नए अपर कलेक्टर के रूप में ओमप्रकाश सनोडिया की पोस्टिंग की गई। सनोडिया को 9 मार्च को जारी आदेश में महाप्रबंधक, एमपी वेयर हाउसिंग कॉपोर्रेशन बनाया था, लेकिन 15 मार्च को इनका तबादला (transfer) अनूपपुर कर दिया। 16 मार्च को आचार संहिता लागू होने के दिन अमन वैष्णव को सीईओ, जिला पंचायत रतलाम से अपर कलेक्टर अनूपपुर बनाया गया।