कलेक्टर की दो टूक, सरकारी rest houses को चुनावी अड्डा न बनने दें

स्वतंत्र समय, भोपाल

प्रदेश में आचार संहिता लागू होते ही सरकारी विश्राम गृहों ( rest houses ) के राजनीतिक उपयोग पर रोक लग गई है। जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चत करना होगा कि जिले में किसी भी विश्राम गृह में राजनीतिक गतिविधि नहीं हो रही है। साथ ही रेस्ट हाउस का आवंटन भी कलेक्टर की अनुमति के बिना नहीं होगा। इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने सभी जिलोंं को निर्देश जारी कर दिए हैं।लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम, 1951 की धारा 160 (क) में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार विश्राम भवन अधिग्रहित किये गए है। जारी आदेश अनुसार विश्राम गृहों का उपयोग राजनैतिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा। विश्राम गृह परिसर में निर्वाचन की आदर्श आचरण संहिता का पालन करना आवश्यक होगा। जिला दण्डाधिकारी की अनुमति के बिना विश्राम गृह किसी अन्य को आवंटित नहीं किया जाएगा ।
विश्राम गृह की विद्युत, पेयजल, सफाई आवश्यक फर्नीचर / काकरी और खानसामा एवं स्टाफ संबंधी अन्य व्यवस्थाएं नियंत्रक अधिकारी द्वारा परिसर में सुनिश्चित की जाएगी। जिला दण्डाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी भोपाल द्वारा प्रदत्त एवं समय-समय पर जारी सभी दिशा निर्देशों का पालन करना होगा। अनुविभागीय दण्डाधिकारी (समस्त) जिला भोपाल संबंधित नियंत्रणकर्ता के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्र के विश्राम गृहों पर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराएंगे।

सभी rest houses पर रखी जाएगी नजर

राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों के विश्राम गृहों के अलावा केंद्र सरकार एवं उपक्रमों के विश्राम गृहों ( rest houses ) पर भी आचार संहिता लागू रहेगी। गुना में रेस्ट हाउस पर राजनीतिक गतिविधियां संचालित करने का पहला मामला सामने आया है। हालांकि कांग्रेस की ओर से कोई शिकायत चुनाव आयोग में नहीं की गई है। गुना कांगे्रस जिलाध्यक्ष की ओर से सिर्फ यह कहा गया कि यदि विश्राम गृह पर राजनीतिक गतिविधियां की गईं हैं तो यह आचार संहिता का उल्लंघन है।