स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) से बुधवार को जब नेताओं के घरों पर एंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट यानी ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के छापों को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने विपक्ष पर करारा हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद काले धन पर कठोर कार्रवाई हुई है। ईडी कालेधन पर कार्रवाई कर रही है। ईडी ने जितनी भी संपत्तियां कुर्क की हैं, उनमें से सिर्फ 5 फीसदी राजनीतिक दलों से जुड़े हुए लोगों की हैं। बाकी 95 फीसदी काले धन वाले लोगों की हैं।
विपक्ष ये चाहता है कि राजनेताओं पर कोई कार्रवाई न होः Amit Shah
गृह मंत्री शाह अमित शाह ( Amit Shah ) ने कहा-विपक्ष ये चाहता है कि राजनेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई ही ना हो। मैं स्पष्ट तौर पर बता देना चाहता हूं कि 95 फीसदी कार्रवाइयां ऐसे लोगों के खिलाफ हुई हैं, जिनका राजनीति से कोई लेनादेना ही नहीं है। इस दौरान उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के एक मंत्री के घर पर हुई कार्रवाई का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि ममता बनर्जी के एक मंत्री के घर पर छापे में 55 करोड़ रुपये मिले। वहीं, एक कार्रवाई में कांग्रेस के एक सांसद के घर से 355 करोड़ रुपये मिले। एसबीआई की 10 मशीनें नोट गिनते-गिनते थक गई, गर्म हो गईं। फिर भी विपक्ष के नेता चाहते हैं कि कार्रवाई ना हो।
Amit Shah बोले- क्या विपक्ष बता सकता है बरामद पैसा किसका है?
अमित शाह ( Amit Shah ) ने कहा कि छापे की कार्रवाई पर सवाल मत उठाओ। बड़ा सवाल ये है कि कांग्रेस के सांसद के पास 350 करोड़ से ज्यादा और ममता बनर्जी के मंत्री के पास 55 करोड़ रुपये कहां से आए। नोटों की गड्डियां भरने के लिए मैटाडोर लानी पड़ीं। एक मैटाडोर कम पड़ गया तो सुबह के 4 बजे दूसरा मैटाडोर नोट भरने के लिए लाना पड़ा। विपक्ष भूल रहा है कि जनता सब देख रही है। क्या कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी देश की जनता को बता सकते हैं कि ये पैसा कहां जाने वाला था। उन्हें जवाब देना चाहिए कि उनके सांसद के घर से बरामद किए गए 355 करोड़ रुपये किसके हैं?
भष्ट्रचार करने वालों पर कार्रवाई होगी
केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा-काला धन जुटाने के बाद अगर विपक्ष ये सोचता है कि ईडी की कार्रवाई नहीं होगी तो उनकी सोच गलत है। भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई भी होगी और उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भी जाना होगा। उन्होंने कहा कि जब भाजपा विपक्ष थी, तब ही कांग्रेस और उनके गठबंधन सहयोगियों पर 12 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटालों के आरोप लगे थे। कोर्ट में उनके भ्रष्टाचार के खिलाफ 42 जनहित याचिकाएं यानी पीआईएल दाखिल हुई थीं। इनमें से 35 पीआईएल में कोर्ट ने ऑर्डर किए थे। आखिर में एनडीए की सरकार को ही एफआईआर दर्ज करानी पड़ी थीं। शाह ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस और उसके सहयोगी दल भ्रष्ट नहीं हैं तो कोर्ट में जाएं।