स्वतंत्र समय, पटना
बिहार में पूर्णिया सीट को लेकर कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने आरजेडी की खिलाफत शुरू कर दी है। वह इस सीट को लेकर कई सालों से मेहनत कर रहे थे। महागठबंधन ( Grand Alliance ) के सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत पूर्णिया सीट आरजेडी के खाते में चली गई है। लालू यादव ने यहां पार्टी का सिबंल बीमा भारती को दिया है। इस पर पप्पू यादव ने कहा कि पूर्णिया की जनता चाहती है कि मैं कांग्रेस के साथ जुड़ा रहूं। पार्टी का झंडा मेरे हाथ में रहे। मैं पूर्णिया से चुनाव लडऩा चाहता हूं, लेकिन फैसला पार्टी नेतृत्व को करना है। कांग्रेस की लीडरशिप की हां के बाद नामांकन दाखिल किया जाएगा।
Grand Alliance में शुक्रवार को हुआ सीटों का बंटवारा
महागठबंधन ( Grand Alliance ) ने शुक्रवार को सीटों के बंटवारे की घोषणा कर दी। इसके तहत कई ऐसी सीटें जो कांग्रेस के दावे वाली थीं, वह राजद के खाते में चली गई। सीट शेयरिंग के हिसाब से वाम दलों को 5, राजद को 26 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली हैं। राजनीति के जानकार कहते हैं कि कांग्रेस को 9 सीटें मिलना भी कम नहीं है। साफ है कि पार्टी के तौर पर कांग्रेस खुश हो सकती है। वहीं, सीट शेयरिंग को कांग्रेस में शामिल हुए पप्पू यादव के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि यह सीट राजद के खाते में चली गई है। इसी तरह बेगूसराय की सीट पर कांग्रेस के कन्हैया कुमार के लडऩे के दावे किए जा रहे थे, लेकिन यह सीपीआई को दे दी गई है।
लालू ने तय की सीट शेयरिंग
दरअसल, लालू यादव ने महागठबंधन में कांग्रेस को किशनगंज, कटिहार, मुजफ्फरपुर, सासाराम, पटना साहिब, समस्तीपुर, भागलपुर, पश्चिम चंपारण और महाराजगंज की सीटें दी हैं। ये सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस के लिए प्रत्याशी तलाशने से लेकर उसकी कैंपेनिग और उन्हें जिता ले जाना, कठिन चुनौती है। वहीं, राजद जिन 26 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। वह गया, नवादा, जहानाबाद, औरंगाबाद, वाल्मीकिनगर, पाटलिपुत्र, मुंगेर, जमुई, बांका, अररिया, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, उजियारपुर, दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, हाजीपुर और पूर्णिया शामिल है।