स्वतंत्र समय, भोपाल
भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ( Iqbal Singh Bains ) की मुश्किल बढ़ती जा रही हैं। भ्रष्टाचार से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में बैंस के खिलाफ ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त जांच प्रारंभ करने की तैयारी में है। खासकर आजीविका मिशन में हुईं फर्जी नियुक्तियों और उज्जैन की दताना हवाई पट्टी के विस्तार को लेकर नए सिरे से जांच शुरू होगी। ये मामला पहले भी उठा था, लेकिन बैंस के मुख्य सचिव के पद पर पदस्थ रहने की वजह से डंठे बस्ते में चला गया था।
गौरतलब है कि ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत वर्ष 2017-18 में नियम विरुद्ध 551 पदों पर नियुक्तियों में भ्रष्टाचार किया गया था। 12 फरवरी को इसे लेकर ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई गई है। कार्रवाई न होने पर शिकायतकर्ता आरके मिश्रा ने सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर किया था, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 28 मार्च तक ईओडब्ल्यू से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। इस मामले में रिटायर्ड आईएफएस ललित मोहन बेलवाल को शिवराज सरकार में खासी तवज्जो और सीईओ के पद पर संविदा नियुक्ति दी गई। इन नियुक्तियों में इकबाल सिंह बैंस का बर्दाहस्त बेलवाल को था। अब ईओडब्ल्यू इसकी जांच करने की तैयारी में जुट गया है।
Iqbal Singh Bains हवाई पट्टी की जमीन अधिग्रहण में भी फंसे
तत्कालीन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ( Iqbal Singh Bains ) ने उज्जैन स्थित दताना हवाई पट्टी के विस्तार को लेकर जमीन अधिग्रहण में नियम विरुद्ध स्वीकृति प्रदान की थी। इस मामले में उज्जैन में तत्कालीन कलेक्टर रहे कवींद कियावत, मनीष सिंह, शिवशेखर शुक्ला सहित कुछ अन्य अधिकारियों की शिकायत लोकायुक्त में की गई थी। इनमें से इकबाल सिंह बैंस, कियावत सहित कुछ अन्य अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जिसके कारण लोकायुक्त भी अब अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाने पर विचार कर रहा है।