स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
धार की भोजशाला ( Bhojshala ) में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की टीम से सोमवार 11वें दिन सर्वे कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी धार की उस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें सर्वे पर रोक लगाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी धार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर भोजशाला का सर्वे कराने के मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की है। सोमवार को मुस्लिम समाज की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अभिभाषक ने अपना पक्ष रखा। दरअसल, पिछले दिनों मुस्लिम समाज ने इसी मामले में अग्रिम सुनवाई की मांग भी रखी थी, तब कोर्ट ने तय तारीख पर 1 अप्रैल को ही सुनवाई की बात कही थी।
हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता बोले- Bhojshala का सर्वे जारी रहेगा
याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया कि मौलाना कमलाउद्दीन वेलफेयर सोसाइटी ने भोजशाला ( Bhojshala ) के सर्व को रोकने के संबंध में एक याचिका लगाई थी। कोर्ट वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर रोक नहीं लगाई है। सर्वे जारी रहेगा। भोजशाला मामले में हाईकोर्ट के वकील शिरीष दुबे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद और विवेक तन्खा कोर्ट में मौजूद थे। उन्होंने कोर्ट को बताया कि काजी मोइनुद्दीन की ओर से याचिका लगाई गई थी। उन्होंने सर्वे को रोकने का आधार बताया कि काजी मोइनुद्दीन कमाल मौलाना के वंशज हैं। इंदौर हाईकोर्ट में काजी मोइनुद्दीन को पक्षकार नहीं बनाया गया है। उनकी अनुपस्थिति में सर्वे का आदेश हुआ है। सर्वे को निरस्त कर हमें सुना जाए। कोर्ट ने कहा- यह याचिका मई 2022 में लगी और सर्वे का ऑर्डर 2024 में हुआ। क्या यह बात आपने हाईकोर्ट के समक्ष रखी थी। उन्होंने कहा- जानकारी लगने के बाद हम सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।