स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
देश के दो बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल, सीआरपीएफ और बीएसएफ में तकरीबन एक जैसे दो मामले सामने आए हैं। दोनों मामलों में ही यौन शोषण ( Sexual Exploitation ) की बात कही गई। अगर कार्रवाई की बात करें, तो उसमें बहुत फर्क नजर आया। सीआरपीएफ के एडीजी और उत्तर प्रदेश कैडर के 1994 बैच के आईपीएस बिनोद कुमार सिंह को केवल इतनी सजा मिली कि तो उन्हें निर्धारित समय से पहले उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया।
सिपाही को Sexual Exploitation पर बर्खास्त कर दिया
अब बात आती है कि बीएसएफ के सिपाही की। बीएसएफ की ‘समरी सिक्योरिटी फोर्स कोर्ट’ ने आरोपी सिपाही श्रीनिवास को यौन शोषण ( Sexual Exploitation ) पर नौकरी से ही बर्खास्त कर दिया। राजस्थान के बाड़मेर में बीएसएफ की 76वीं बटालियन में तैनात सिपाही जीडी श्रीनिवास पर आरोप लगा था कि उसने महिला सिपाही कुक के साथ छेड़छाड़ की है। यह घटना, सात मार्च की शाम को हुई थी। आरोप है कि मैस के भीतर सिपाही श्रीनिवास ने महिला कुक सिपाही का हाथ पकड़ा। उसे आई लव यू कहा। साथ ही यह भी आरोप है कि उसने महिला कर्मी से गले लगने का इशारा किया। बीएसएफ ने इसे यौन शोषण का केस माना।
एयरपोर्ट पर छेड़छाड़ का मामला
दूसरा मामला उत्तर प्रदेश कैडर के 1994 बैच के आईपीएस बिनोद कुमार सिंह का है, जो सीआरपीएफ में नॉर्थ ईस्ट जोन के एडीजी थे। उन पर यौन शोषण का गंभीर आरोप लगा है। आरोप में कहा गया है कि गुवाहाटी के एलजीबीआई एयरपोर्ट पर सीआरपीएफ एडीजी ने महिला कर्मी को जबरदस्ती खींचकर आलिंगन किया था। उन्होंने महिला कर्मी की मुस्कान, दांत और होठों को लेकर टिप्पणी की। एलजीबीआई एयरपोर्ट गुवाहाटी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच में मामला सही पाया गया। जब इस मामले की दिल्ली तक पहुंची तो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईपीएस को उनके मूल कैडर में भेज दिया।