ये हैं इनके लक्ष्य
- सीएम मोहन यादवः सभी 29 सीटे हाईकमान की झोली में डालना
- पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहानः खुद के साथ दूसरों को भी जिताना
- पूर्व सीएम दिग्विजय सिंहः लाज बचाने की सबसे बड़ी चुनौती
- पूर्व सीएम कमलनाथः पुत्र को सांसद बनाना ही लक्ष्य
विपिन नीमा, इंदौर
मप्र के लोकसभा चुनाव में एक चुनाव ( One election four CM ), चार सीएम यानी एक पदेन मुख्यमंत्री और तीन पूर्व मुख्यमंत्री अपनी-अपनी जिम्मेदारियां में फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कंधे पर प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीट जिताने की जिम्मेदारी है, जबकि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और शिवराज सिंह चौहान खुद चुनाव लड़कर अपने-अपने प्रचार में व्यस्त है। एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भले चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन अपने पुत्र नकुलनाथ को जिताने में दमदारी के साथ लगे हुए हैं। इस तरह मध्यप्रदेश के चार मुख्यमंत्री अलग-अलग भूमिका नजर आ रहे हैं। एक रोचक तथ्य यह भी है कि पिछले 26 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब राज्य के दो मुख्यमंत्री एक साथ लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। अपनी अपनी जिम्मेदार निभाने के लिए मैदान में उतरे कितने सफल होते हैं यह देखने का विषय है।
One election four CM…
1. सीएम मोहन यादवः (120 दिनों का कार्यकाल) सभी सीटें लाने की जिम्मेदारी
One election four CM में 12 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद डॉक्टर मोहन यादव को पहले दिन से ही लोकसभा चुनाव की 29 सीट का लक्ष्य मिल चुका था। 120 दिनों का कार्यकाल पूरा कर चुके मुख्यमंत्री यादव चुनाव प्रचार में पूरी तरह से भिड़ चुके हैं और प्रदेश की हर सीट का दौरा कर प्रचार कर रहे हैं। वे सभाओं को संबोधित कर रहे हैं जगह-जगह रोड शो कर रहे हैं। मुख्यमंत्री यादव के सामने दो बड़े लक्ष्य हैं पिछले चुनाव की सभी विजयी 28 सीट को सुरक्षित रखना और छिंदवाड़ा सीट जीतकर सभी 29 सीट हाई कमान की झोली में डालना है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव हाई कमान के विश्वास पर कितना खरा उतरते हैं।
26 साल पहले लड़े थे पूर्व सीएम
- लोकसभा चुनाव 1998
- छिंदवाड़ा लोकसभा सीट
- पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा और कमलनाथ के बीच हुआ था मुकाबला
- पटवा को 1 लाख से भी अधिक वोटो से पराजय का सामना करना पड़ा था।
2. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहानः ( 18 साल रहे सीएम ) चुनाव के साथ सभाएं भी ले रहे हैं
मध्य प्रदेश के सबसे चर्चित मुख्यमंत्री रहे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वे पूरी तरह से फॉर्म में आ चुके हैं। 18 साल तक प्रदेश की कमान संभालने वाले शिवराज सिंह चौहान इस समय दोहरी भूमिका निभा रहे हैं। एक तो अपने खुद के चुनाव का प्रचार कर रहे हैं और दूसरा खुद का प्रचार छोडक़र दूसरे जिलों में जाकर सभा और रोड शो कर रहे हैं। लाडली बहन योजना लागू होने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने योजना के माध्यम से विधानसभा चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाई । आज वे प्रदर्शन में भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा बन गए।
अर्जुन सिंह को करना पड़ा हार का सामना
- लोकसभा चुनाव 1998
- होशंगाबाद लोकसभा सीट
- पूर्व सीएमअर्जुनसिंह और भाजपा के सरताजसिंह के बीच हुआ था मुकाबला।
- इस चुनाव में पूर्व सीएम अर्जुनसिंह लगभग 69 हजार से पराजित हुए थे।
3. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंहः ( 10 साल रहे सीएम) चुनाव जीतना सबसे बड़ी प्रतिष्ठा बनी
2019 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व सीएम दिग्विजय के सामने इस बार लाज बचाने की चुनौती है। मप्र कांग्रेस के सबसे बड़े नेता और राजगढ़ के पूर्व शाही परिवार से आने वाले दिग्विजय सिंह की चुनाव में प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। अपने गृह क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे दिग्गी राजा ने बीजेपी को मात देने के लिए अपने क्षेत्र में पदयात्रा कर रहे हैं। प्रचार के रूप में पदयात्रा करने के पीछे उनका मुख्य कारण यह है कि इसके जरिए वे उन जगहों पर जा रहे हैं जहां कांग्रेस को वोट नहीं मिलते हैं। हालांकि राजगढ़ में दिग्विजय की मजबूत बताई जा रही है।
दोनों प्रत्याशी आमने-सामने
- लोकसभा चुनाव 2024
- राजगढ़ लोकसभा सीट
- पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह की टक्कर भाजपा के रोडमल नागर से हो रही है
- दोनों प्रत्याशी लोकसभा चुनाव मेंआमने सामने हो रहे हैं।
4. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथः ( 15 माह रहे सीएम) पुत्र को सांसद बनाने में झोंकी पूरी ताकत
2023 का विधानसभा चुनाव बुरी तरह से हारने के बाद से ही कमलनाथ पार्टी में बैकफुट पर है। उन्होंने पुत्र को सांसद बनाने के लिए अपनी सीट छोड़ दी हैं। अब छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ चुनावी मैदान में है। पुत्र को चुनाव जीतने के लिए पिता कमलनाथ पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। वैसे छिंदवाड़ा की सीट कांग्रेस की ही रही है, पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली एकमात्र सीट भी छिंदवाड़ा की ही मिली। कमलनाथ के लिए भी यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। गृह क्षेत्र की सीट होने के कारण पिता की सीट नकुलनाथ को प्राप्त हों सकती हैं।
शिवराज और भानू में टक्कर
- लोकसभा चुनाव 2024
- विदिशा लोकसभा सीट
- पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान की टक्कर कांग्रेस के भानू प्रताप शर्मा हो रही है।
- कांग्रेस प्रत्याशी पहले यहां से दो बार सांसद रह चुके है।