स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रदेशवासियों को यातायात नियमों ( Traffic rules ) का पालन करने के लिए बाध्य कराने हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे है। लोगों को यह समझना बहुत आवश्यक है कि यातायात के नियम उनकी सुरक्षा के लिए ही बनाए गए हैंं, जिसका उन्हे पालन करना चाहिए। यातायात के नियमों का पालन करना हम सभी का नैतिक दायित्व है। यातायात के नियमों का पालन न करने पर होने वाली दुर्घटनाएं लगातार बढती जा रही हैं। जरा सी चूक भी जानलेवा साबित हो जाती है। दुर्घटनाओं में सिर पर चोट लगना सबसे घातक होता है। यदि ई-कोर्ट में फाइन के साथ चालान जमा नहीं किया जायेगा तो फिजिकल कोर्ट में उपस्थित होने की कार्रवाई की जाएगी। बहुत सारे लोगों को हेलमेट न पहनने पर जारी हुये 300 रुपये का चालान जमा न होने पर यह 1000 रुपये का फाइन के साथ मैसेज पहुंच रहा है। परंतु यह आटोमैटिक सिस्टम होने के कारण इसमें किसी भी प्रकार की कोई गुंजाइश नहीं है। इसी प्रकार लाल सिग्नल को तोडऩे पर भी 500 रुपये का चालान भी अतिरिक्त फाइन के साथ हो जाता है। यदि ई-कोर्ट में फाइन के साथ चालान जमा नहीं किया जायेगा तो फिजिकल कोर्ट में उपस्थित होने की कार्रवाई की जाएगी।
Traffic rules जनजागरूकता अभियान भी लगातार चलाए जा रहे
लगातार हेलमेट पहन कर वाहन चालने के लिये नागरिकों से आग्रह किया जाता है। जिसके लिये संबंधित विभागों द्वारा यातायात ( Traffic rules ) नियमों के लिए जनजागरूकता अभियान भी लगातार चलाए जा रहे हैं। परन्तु फिर भी सडक़ों पर प्राय: देखा जा रहा है कि कुछ ही जागरूक एवं जिम्मेदार नागरिकों ही हेलमेट पहने के साथ अन्य यातायात नियमों का पालन करने है। ज्यादातर लोगों को अभी भी हेलमेट नहीं लगाने से, तीन सवारी बैठाकर वाहन चलाने, सीटबेल्ट नहीं लगाने एवं लाल सिग्नल को तोडकऱ वाहन आगे बढाने से जरा भी परहेज नहीं है।
चौराहों पर लगे कैमरों से ई-चालान जारी
यातायात के नियमों का पालन नहीं करने वालों के चौराहों पर लगे कैमरों से ई-चालान जारी किये जा रहे हैं। लेकिन इसमें भी ज्यादातर लोंगों द्वारा चालान नहीं भरा जाता है। वर्तमान में ई-चालान व्यवस्था में परिवर्तन हुआ है। पहले भोपाल स्मार्ट सिटी के साफ्टवेयर से ई-चालान बनते थे और इसके बाद जिनके द्वारा चालान जमा नहीं किये जाते है उनके प्रकरण यातायात विभाग द्वारा मैनुअल तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत किये जाते है। परन्तु वर्तमान में ई-चालान हेतु नवीन साफ्टवेयर लागू हो गया है। यह साफ्टवेयर सरकार की संस्था नेशनल इन्फोर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) द्वारा तैयार किया गया है जो वर्चुअल कोर्ट से सीधे जुड़ा हुआ है। यह साफ्टवेयर सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के सर्वर परिवहन एवं सारथी से जुड़ा हुआ है जिससे पूरे भारत में रजिस्टर्ड वाहनों का डाटा उपलब्ध होता है।
चालान जमा करने की सीमा निर्धारित
ई-चालान जमा करने की निर्धारित समय सीमा 30 दिन के बाद चालान जमा नहीं करने पर चालान अपने आप ई-कोर्ट में पहुंच जाता है। जहां पर चालान की निर्धारित चालान राशि के अतिरिक्त फाइन भी जुड़ जाता है। बहुत सारे लोगों को हेलमेट न पहनने पर जारी हुये 300 रुपये का चालान जमा न होने पर यह 1000 रुपये का फाइन के साथ मैसेज पहुंच रहा है। परंतु यह आटोमैटिक सिस्टम होने के कारण इसमें किसी भी प्रकार की कोई गुंजाइश नहीं है। इसी प्रकार लाल सिग्नल को तोडऩे पर भी 500 रुपये का चालान भी अतिरिक्त फाइन के साथ हो जाता है। यदि ई-कोर्ट में फाइन के साथ चालान जमा नहीं किया जायेगा तो फिजिकल कोर्ट में उपस्थित होने की कार्रवाई की जाएगी।